एक करोड़ के इनामी पतिराम मांझी और मिसिर बेसरा के शोषण से थे परेशान
Ranchi/Chaibasa: एक करोड़ के इनामी नक्सली पतिराम मांझी और मिसिर बेसरा के शोषण से परेशान एक नाबालिग समेत 15 भाकपा माओवादी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. गुरुवार को चाईबासा पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सभी नक्सलियों ने डीआईजी मनोज रतन चौथे, डीसी कुलदीप चौधरी और एसपी आशुतोष शेखर के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. सरेंडर करने वाले 14 नक्सलियों का आपराधिक इतिहास रहा है. इनके खिलाफ चाईबासा जिले के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं.
इन 15 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, जानें इनपर दर्ज मामले
1- प्रधान कोड़ा: आठ मामला दर्ज
2- चंद्रोमोहन: सात मामला दर्ज
3- पगला गोप: पांच मामला दर्ज
4- विजय बोयपाई: चार मामला दर्ज
5- गंगा राम पूर्ति: तीन मामला दर्ज
6- बोयो कोड़ा: दो मामला दर्ज
7- जोगेन कोड़ा: दो मामला दर्ज
8- पेलोंग कोड़ा: दो मामला दर्ज
9- रामजा पूर्ति: दो मामला दर्ज
10- सोहन सिंह: एक मामला दर्ज
11-सुशील डोरेन चंपियाः एक मामला दर्ज
12- सोनू चंपिया
13- मनी चंपिया
14- मोगा चंपिया
15- एक नाबालिग नक्सली
161 नक्सलियों को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल
चाईबासा जिले में नक्सलियों के खिलाफ साल 2022 से लगातार अभियान चलाया जा रहा है. साल 2022 से अबतक कुल 161 नक्सलियों को गिरफ्तारी कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. साल 2022 और 2023 में कुल 11 नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया. इनके पास से भारी मात्रा में कुल 375 विस्फोटक, हथियार, कारतूस और अन्य दैनिक उपयोग के सामान बरामद किये गये. साथ ही नक्सलियों का स्थायी कैंप ईआरबी मुख्यालय, 08-10 अस्थायी कैंप और 15 बंकर ध्वस्त किये गये. चाईबासा में उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उग्रवाद प्रभावित थाना क्षेत्र में आम जन के मन में उपजे सुरक्षा भाव को बनाये रखने के लिए 16 नए सुरक्षा कैंम भी बनाया गया है.
पिछले दो साल से कोल्हान के जंगलों में चल रहा है नक्सलियों के खिलाफ अभियान
पिछले दो साल से कोल्हान के जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. बूढ़ा पहाड़, बुलबुल जंगल, खूंटी, चाईबासा और सरायकेला-खरसावां के ट्राई-जंक्शन क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त करने के बाद सुरक्षा बलों का फोकस पश्चिम सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में है. सभी बड़े नक्सली इसी क्षेत्र में सिमटे हुए बताए जा रहे हैं. कई महीनों से उनकी घेराबंदी जारी है. झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की बदौलत नक्सलियों के प्रभाव वाले दर्जनों गांव उनसे मुक्त करा लिये गए हैं. इस अभियान में सुरक्षाबलों को भी नुकसान पहुंचा है.