Ranchi : 29 दिसंबर को हेमंत सोरेन की सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. पहले साल में कोरोना संक्रमण की पहली लहर से जंग लड़ने के बाद राज्य सरकार ने विकास के कामों पर जोर दिया. तभी दूसरी लहर ने राज्य को महामारी की चपेट में ले लिया. सरकार ने अपनी मशीनरी को कोरोना संक्रमण से लड़ने में लगा दिया. ताकि झारखंडियों के समक्ष भूखे रहने की नौबत नहीं आये. कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गयी. बजट को कल्याणकारी बनाया गया. इसके अलावा युवाओं के हित में नियुक्ति वर्ष घोषित कर रोजगार देने का काम शुरू किया गया. प्रमंडल वाइज नियुक्ति पत्र और परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. हालांकि इन सबसे अलग प्रदेश भाजपा ने विपक्ष को घेरने को कोशिश की. इसमें सबसे प्रमुख जेपीएसएसी का मुद्दा रहा.
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मजदूरों और किसानों पर फोकस रहा 2021-22 का बजट
2021 के शुरूआत में हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का जो बजट पेश किया, वह पूरी तरह से मजदूरों और किसानों पर फोकस रहा. किसानों के लिए कृषि ऋण माफी योजना आई तो मनरेगा मजदूरों की मजदूरी प्रतिदिन 31 रुपये बढ़ाई गई. सामाजिक सुरक्षा की बात करें, तो यूनिवर्सल पेंशन स्कीम, आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वारा कार्यक्रम, खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हरा राशन कार्ड का वितरण प्रमुखता से शामिल हैं.
पहली बार जरूरतमंदों को पेंशन और राशन मिलना हुआ सहज
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत 60 वर्ष की उम्र से अधिक के वृद्धजन, 18 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की निराश्रित महिलाएं, (विधवा, एकल एवं परित्यक्ता तीनों) को शामिल किया गया. योजना का लाभ लेने के लिए अब राशन कार्ड या गरीबी रेखा के नीचे होने की बाध्यता को समाप्त कर दिया गया. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पूरे राज्य में अब तक 5200 से अधिक शिविर आयोजित किए गए. जिसमें अब तक 25 लाख से अधिक आवेदन मिले. अब इन आवेदनों का शत-प्रतिशत निष्पादन करने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है. हरा राशन कार्ड आने से राज्य के सभी जरूरतमंदों को राशन मिलना संभव हो सका.
पारा शिक्षकों की मांगों का हुआ निपटारा, सरकारी स्कूलों को बनाया गया आधुनिक
शिक्षा की बात करें तो राज्य में पारा शिक्षक का वर्षों पुरानी मांगों का निपटारा हुआ. पारा शिक्षकों को 60 वर्ष की सेवा स्थायीकरण सहित टेट पारा शिक्षकों के मानदेय 50 प्रतिशत और नन टेट पारा शिक्षकों को 40 प्रतिशत वृद्धि का फैसला हुआ. सरकारी स्कूल के बच्चे आधुनिक शिक्षा ले पाये. इसलिए मॉडल स्कूलों की तर्ज पर इनका विकास हुआ. 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर पहली बार नियमावली बनाकर जेपीएसएसी की परीक्षा आयोजित की गयी. साल के खत्म होने के पहले ही जेएसएससी के द्वारा 956 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया.
कोरोना से जंग जीती, तो कुषोषण के खात्मे का हुआ प्रयास
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बात करें तो कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से लड़ने में राज्य सरकार सफल रही. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डोर टू डोर अभियान की योजना बनाते हुए काम किया गया. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और अन्य को घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर टीकाकरण कार्य के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया गया. कोरोना पॉजिटिव लोगों को क्षेत्र में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसलिए प्रत्येक पंचायत में एक कोरेंटिन सेंटर बनाया गया. सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की पहल पर राज्य भर में कुल 1 हजार 824 नये ऑक्सीजन (Oxygen) युक्त बेडों की सुविधा बढ़ाई गई. इसी तरह कुपोषण से जीतने के लिए योजना की शुरूआत हुई. योजना के तहत कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ 1000 दिन का महाभियान चलाया जाएगा.
कई राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, खिलाड़ियों को मिला नियुक्ति पत्र
खेल के क्षेत्र में 40 के करीब खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति दी गयी. मुख्यमंत्री की पहल पर सिमडेगा में राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की गयी. पोटो हो खेल विकास योजना के तहत गांव-गांव में खेल मैदान का निर्माण हुआ. सहाय योजना से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल से जोड़ा गया.
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किसानों की कर्ज माफी का वादा काफी हद तक हुआ पूरा
किसानों को राहत देने के लिए बड़े पैमाने पर धान की खऱीद की गयी. केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य में राज्य सरकार ने 183 रुपये अतिरिक्त बोनस दिया. राज्य में कुल 9,02,603 ऋणी किसान हैं. जिसमें से बैंक ने अब तक 5,61,333 किसानों का डाटा अपलोड किया गया है. उसमें सरकार ने अब तक 2,46,012 किसानों का कर्ज माफ कर दिया है. कुल 980.06 करोड़ की राशि किसानों की कर्ज माफी में दे दी गई.
एसटी, एससी, दलित, अल्पसंख्यकों के लिए उठाये गये कदम
आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यकों के हित में कई कदम उठाये गये. एसटी, एससी, ओबीसी के लिए सरकारी टेंडर में 10 प्रतिशत कोटा आरक्षित किया गया. ट्राइबल यूनिवर्सिट और स्कील यूनिवर्सिटी खोलने का निर्णय हुआ. जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं को नियुक्ति से लेकर स्कूलों और विश्वविद्यालय तक पढ़ाने का फैसला हुआ. विदेशों में उच्च स्तर की शिक्षा आदिवासी बच्चों को मिले इसके लिए छात्रवृत्ति दी गयी. स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में 25 लाख तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया. अल्पसंख्यक वर्गों के हित में मदरसों को अनुदान देने का रास्ता साफ हुआ.
सरना धर्म कोड के लिए केंद्र पर बनाया गया दबाव
पहली बार सरना धर्म कोड के लिए राज्य द्वारा केंद्र पर प्रेशर बनाया गया. टीएसी काउंसिल का गठन कर आदिवासियों के विकास की दिशा में काम शुरू हुआ. आदिवासियों का उत्थान कैसे हो, इसके लिए टीएसी ने फैसला लिया कि एक टीम अन्य आदिवासी बहुल राज्य का दौरा करेगी. टीम देखेगी कि कैसे वहां पर आदिवासियों को शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में लोन मिल पाता है.
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औद्योगिक गतिविधियों को मिला बढ़ावा, उद्योगपतियों ने दिखायी रूचि
राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले इसके लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं 2021 में दो बार नई दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट में हिस्सा लिया. नयी औद्योगिक नीतियां बनायी गयीं. मुख्यमंत्री की पहल पर बोकारो में डालमिया सीमेंट उद्योग की आधारशिला रखी गयी. अजीमजी-प्रेमजी ने राज्य में 1400 करोड़ की लागत से विश्वविद्यालय खोलने की इच्छा जाहिर की.
नक्सल पर कसा शिकंजा, प्रवासी मजदूरों के लिए उठाये गये कदम
सुरक्षा की बात करें तो नक्सलवाद की दिशा में राज्य सरकार को बड़ी सफलता मिली. एक करोड़ के इनामी चर्चित नक्सली प्रशांत बोस सहित कुल 29 नक्सलियों को पुलिस गिरफ्तार करने में सफलता पायी. इसमें 10 लाख से लेकर 15 लाख तक के इनामी नक्सली शामिल हैं.
दूसरे राज्यों में रह रहे झारखंडी मजदूरों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा ‘सेफ एंड रेस्पोंसिबल माइग्रेशन इनिशिएटिव’ पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी. इस पहल के तहत अब किसी भी झारखंडी मजदूर की मृत्यु राज्य के बाहर होती है तो शव घर लाने में परिवार के लोगों को परेशान नहीं होगी. नई योजना में मजदूरों और उनके स्वजनों को सरकार इसकी गारंटी देगी.
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