30 दिनों में मामले निबटाने के सरकार के आदेश का नहीं हो रहा पालन
Amit Kumar Sinha
Dhanbad : धनबाद अंचल में म्यूटेशन के पेंडिंग मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. राज्य सरकार एवं जिला उपायुक्त के आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है. राज्य सरकार का सख्त आदेश है कि आवेदन के 30 दिनों के भीतर मामले का निपटारा कर देना है. आदेश के बावजूद सैकड़ों मामले ठंडे बस्ते में पड़े हैं. म्यूटेशन के पेंडिंग मामलों को न तो स्वीकृति दी जा रही है, न ही रिजेक्ट किया जा रहा है.
धनबाद उपायुक्त वरुण रंजन ने जिले के सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया था कि म्यूटेशन के मामलों में पेंडेंसी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके साथ ही हर महीने म्यूटेशन के पेंडिंग मामलों की समीक्षा करने का भी आदेश दिया था. इसके बावजूद धनबाद अंचल में म्यूटेशन के कुल 2189 मामले पेंडिंग हैं, जिनमे 30 दिनों से ज्यादा के 493 और 90 दिनों से ज्यादा के 591 मामले शामिल हैं. इसी तरह ई-समाधान पोर्टल पर भी पेंडिंग पड़े मामलों में होल्ड पर 18, ओवर ड्यू 33, अंडर प्रोसेस 7 और रिजेक्ट हुए 8 मामले हैं. इन पेंडिंग पड़े मामलों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
अतिरिक्त प्रभार में कछुए की चाल चल रहा अंचल कार्यालय
पिछले 18 अक्टूबर को धनबाद के तत्कालीन अंचलाधिकारी प्रशांत लायक का तबादला कर दिया गया था. उनके स्थान पर किसी अंचलाधिकारी का पदस्थापन नहीं किया गया है. 3 नवंबर को धनबाद के प्रखंड विकास पदाधिकारी को ही अंचलाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. विकास का कार्य करने वाले बीडीओ को राजस्व का जिम्मा दे दिया गया है. कार्यालय सूत्रों की मानें, तो वर्तमान अंचलाधिकारी आये आवेदनों का बेहद धीमी गति से निपटारा कर रहे हैं. प्रभार में रहने की वज़ह से संभवतः नीतिगत फैसले नहीं ले पा रहे होंगे. अंचल कार्यालय में प्रतिदिन करीब 20 नए आवेदन आ रह हैं, जिनमें से हर दिन एक मामले का निपटारा किया जा रहा है.
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