हादसे के कारण कई ट्रेनों के मार्ग बदले ओडिशा में एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
LagatarDesk : ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने तथा एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतकों की संख्या शनिवार को बढ़कर 288 हो गई. दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान पूरा हो गया है. दक्षिण पूर्वी रेलवे (एसईआर) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. एसईआर प्रवक्ता आदित्य चौधरी ने कहा कि शुक्रवार को हुई दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है. अन्य 800 घायलों का ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है. कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे यह हादसा हुआ. यह दुर्घटना भारतीय रेल इतिहास की सबसे भीषण दुर्घटनाओं में शामिल है. रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं. भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ए एम चौधरी करेंगे. रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे. पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए.
1,200 प्रभावित यात्रियों को लेकर निकलीं दो ट्रेनें
कोलकाता। ओडिशा के बालासोर जिले में बाहानगा बाजार स्टेशन के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे के प्रभावित यात्रियों को लेकर दो ट्रेन शनिवार को पश्चिम बंगाल के हावड़ा पहुंचेंगी. दक्षिण-पूर्वी रेलवे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. बालासोर से हावड़ा आ रही एक ट्रेन में लगभग 1,000, जबकि दूसरी ट्रेन में करीब 200 यात्री सवार हुए. खड़गपुर और हावड़ा रेलवे स्टेशन पर इन यात्रियों को भोजन और पानी के साथ अन्य जरूरी सहायता उपलब्ध कराई गई. ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने तथा एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 288 हो गई. इस हादसे में 800 से अधिक यात्री घायल भी हुए हैं.
घायल यात्रियों को निकालने के लिए दो एमआई-17 तैनात
कोलकाता। हादसे में घायल यात्रियों के राहत एवं बचाव कार्य में सेना की टुकड़ियों को तैनात किया गया है. वायुसेना के विमान भी राहत कार्य में जुटे हैं. एक रक्षा अधिकारी ने शनिवार को कहा कि घटनास्थल पर मौजूद रेलवे अधिकारियों के समन्वय से अभियान चलाया जा रहा है. रक्षा अधिकारी ने कहा कि पूर्वी कमान ने एंबुलेंस और सहायता सेवाओं के अलावा सेना की चिकित्सा और इंजीनियरिंग टीम को तैनात किया है. घायल यात्रियों को निकालने के लिए दो एमआई-17 तैनात किए गए हैं.
रेलवे ने शुरू की उच्चस्तरीय जांच
नई दिल्ली। रेलवे ने ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे की उच्च स्तरीय जांच शुरू की है, जिसकी अध्यक्षता दक्षिण-पूर्वी सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे. रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है. इस प्रकार के सभी हादसों की जांच करता है. रेलवे के एक प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि एसई (दक्षिण-पूर्वी) सर्किल के सीआरएस (रेलवे सुरक्षा आयुक्त) एएम चौधरी हादसे की जांच करेंगे.बताया गया कि जांच के बाद ही हादसे के सही कारणों का पता चल पाएगा.
ट्रेन हादसे को लेकर उठ रहे कई सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस ने ओडिशा के बालासोर जिले में हुए भीषण रेल हादसे पर दुख जताते हुए शनिवार को कहा कि यह दुर्घटना इस बात को सोचने के लिए बाध्य करती है कि रेलवे में सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि इस दुर्घटना को लेकर कई सवाल उठाने की जरूरत है, लेकिन उनकी पार्टी इन सवालों को रविवार को उठाएगी. रमेश ने ट्वीट किया कि ओडिशा में हुआ रेल हादसा वाकई बहुत दर्दनाक है. यह अत्यंत दुख का विषय है.
बालासोर रेल हादसे में बिहार के तीन मजदूरों की मौत, दो की स्थिति गंभीर
पटना। ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में बिहार के लोग भी शिकार हुए हैं. बिहार से केरल जा रहा मजदूरों का जत्था इस हादसे में तीन मजदूरों की मौत हो गई है, जिसमें एक मजदूर की पहचान हुई. अन्य दो मजदूरों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है जबकि आठ लोग घायल हैं. इनमें से दो की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक मोतिहारी जिले के रामगढ़वा प्रखंड के चिकनी गांव के भुवन पटेल के बेटे राजा पटेल (25) की मौत हुई है. घायलों में विजय पासवान, संजय पासवान, अंजीत पटेल, उमेश पासवान, नितेश महतो, विशाल पासवान, गौरीशंकर गिरी और सूरज राउत हैं. इनमें विजय पासवान और अंजित पटेल की हालत गंभीर है. इसके अलावा मोतिहारी के बनकटवा प्रखंड के भी चार लोग घायल हैं लेकिन अभी उनकी पहचान नहीं हो पाई है. सभी घायलों की उम्र 26 से 32 साल के बीच की है.
भाजपा ने स्थगित किए कार्यक्रम
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर शनिवार को निर्धारित कार्यक्रमों को ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसे के मद्देनजर स्थगित कर दिया है. पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने इस संबंध में ट्वीट किया और भीषण हादसे को लेकर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि ओडिशा के बालासोर में कल शुक्रवार शाम को हुआ भयावह रेल हादसा अत्यंत ही दुखद और मन को शोकाकुल कर देने वाला है. मैं इस हृदय विदारक घटना से मर्माहत हूं.
आरक्षित डिब्बे को कोई हताहत नहीं
बेंगलुरु। ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में शामिल बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के आरक्षित डिब्बे का कोई यात्री दुर्घटना में हताहत नहीं हुआ है. हालांकि, सामान्य डिब्बे में बैठे कुछ यात्री घायल हुए हैं. रेलवे के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) के अधिकारियों ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि सर एम. विश्वेसरैया टर्मिनल (एसएमवीबी), बेंगलुरु से बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरक्षित श्रेणी के 994 यात्री और अनारक्षित श्रेणी के करीब 300 यात्री सवार हुए.
300 से अधिक कर्मी बचाव अभियान में जुटे
नई दिल्ली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 300 से अधिक कर्मी बड़े मेटल कटर, खोजी कुत्तों और अन्य भारी उपकरणों की मदद से ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर राहत कार्यों में जुटे हैं. एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने शनिवार को बताया कि एनडीआरएफ की पहली टीम शुक्रवार रात साढ़े आठ बजे के आसपास बालासोर में घटनास्थल पर पहुंची थी. एजेंसी के कर्मी दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के डिब्बों से अब तक कुल 44 पीड़ितों को जीवित बाहर निकालने और 71 यात्रियों के शव बरामद करने में सफल रहे हैं. करवाल ने दिल्ली में एनडीआरएफ मुख्यालय में कहा कि नौ टीमों में बंटे 300 से अधिक कर्मी दुर्घटनास्थल पर काम कर रहे हैं. एनडीआरएफ की बाकी टीम कोलकाता और कटक जिले के मुंदाली से घटनास्थल के लिए रवाना की गईं. बल का मुख्य कार्य ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त डिब्बों को काटने के बाद उन पीड़ितों की तलाश करना और उन्हें बचाना है, जो जीवित बचे हैं. एनडीआरएफ के खोजी कुत्तों के दल और चिकित्सा टीम भी स्ट्रेचर और फर्स्ट-एड किट के साथ दुर्घटनास्थल पर मौजूद हैं.
कोरोमंडल एक्सप्रेस के यात्री ने बताई हादसे की दास्तान
मैं खुशनसीब हूं कि जिंदा बच गया…
नई दिल्ली। ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे के दौरान कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार अनुभव दास नामक एक यात्री ने ट्विटर पर इस भयावह दुर्घटना का आंखों देखा मंजर बयां किया. दास ने कई ट्वीट कर विस्तार से बताया कि दुर्घटना कैसे हुई. उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि हावड़ा से चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस के भीषण हादसे का शिकार होने के बावजूद मैं जिंदा बच गया. यह शायद सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटना है. दास ने कहा कि इस दुर्घटना में तीन ट्रेन शामिल थीं-कोरोमंडल एक्सप्रेस 12841, यशवंतपुर-हावड़ा एसएफ और एक मालगाड़ी. कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और (बगल में लूप ट्रैक पर खड़ी) मालगाड़ी से टकरा गई. बाद में पटरी से उतरे डिब्बे से पास की पटरी पर आ रही यशवंतपुर एक्सप्रेस टकरा गई. यशवंतपुर एक्सप्रेस के जनरल श्रेणी के तीन डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. वहीं, कोरोमंडल एक्सप्रेस के जनरल, स्लीपर, एसी3 टियर और एसी2 टियर श्रेणी के लगभग 13 डिब्बे पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए. उन्होंने लिखा कि मैंने पटरी पर 200 से 250 यात्रियों के शव बिखरे देखे.
हाल देख रौंगटे खड़े हो गये
बालासोर/हावड़ा। जिले में शुक्रवार शाम हुए भयानक रेल हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग घायलों की मदद करने के लिए तत्काल दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए. रणजीत गिरि, बिप्रदा बाग, आशा बेहरा और अशोक बेरा घायलों को बचाने के लिए सबसे पहले पहुंचने वाले लोगों में शामिल हैं. ये सभी बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन इलाके के निवासी हैं, जहां हादसा हुआ. गिरि ने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा कि मैं शाम करीब सात बजे अपने मित्रों के साथ पास ही चाय की एक दुकान पर था. मैंने अचानक जोरदार आवाज और उसके बाद लोगों के चीखने की आवाज सुनी. हम घटनास्थल की ओर दौड़े और वहां का हाल देखकर हमारे रौंगटे खड़े हो गए. समय बर्बाद किए बिना हम घायलों को बचाने में जुट गए. हमने पुलिस एवं रेलवे अधिकारियों को भी हादसे की जानकारी दी. बाग ने एक अन्य चैनल से कहा कि हमने कम से कम 50 घायलों को बचाया और यात्रियों को अपने वाहनों से स्थानीय अस्पतालों में पहुंचाया. हादसे में जीवित बचे कुछ लोग अपने प्रियजनों को ढूंढ रहे थे, लेकिन बहुत अंधेरा होने के कारण हम उनकी मदद नहीं कर सके.
खडगपुर-भुवनेश्वर खंड पर 48 ट्रेनें रद्द
धनबाद। ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद कई रूट पर रेल परिचालन बाधित हो गया है. हालांकि धनबाद रेल मंडल में सब कुछ सामान्य है. स्टेशन प्रबंधक रत्नेश कुमार ने कहा कि धनबाद रेल मंडल में इस हादसे का कोई असर नहीं है. उन्होंने कहा कि धनबाद रेल मंडल से उस रूट की ट्रेन नहीं है. इसीलिए हमारे रेल मंडल में यात्रियों को कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि हावड़ा से चेन्नई को जाने वाली ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. उसी रूट में दुर्घटना हुई है. इस रूट की ट्रेन ही प्रभावित है. हादसे की वजह से दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के खड़गपुर-भुवनेश्वर खंड पर रेल सेवा बाधित हो गई है. इस रूट से गुजरने वाली 48 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. 39 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है. 9 ट्रेनों को दोनों तरफ एक स्टेशन पहले रोका गया है. रेलवे ने ट्वीट कर यह जानकारी साझा की है. यात्रियों को कुछ स्टेशन पहले या बाद में उतरना पड़ा.
मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख देंगी ममता
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना इस सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है. इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए उचित जांच की आवश्यकता है. दो बार रेल मंत्री रह चुकीं ममता बचाव अभियान का जायजा लेने के लिए शनिवार दोपहर दुर्घटनास्थल पहुंचीं. उन्होंने वहां पहले से मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से बात की. उन्होंने कहा कि इस हादसे के पीछे जरूर कुछ होगा. सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. रेलगाड़ियों को टकराने से रोकने की प्रणाली ने काम क्यों नहीं किया. बनर्जी ने हादसे में मारे गए पश्चिम बंगाल के यात्रियों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने रेलवे और ओडिशा सरकार को भी पूरी मदद मुहैया कराने की पेशकश की. उन्होंने कहा कि हमने 70 एंबुलेंस, 40 चिकित्सक और नर्स घायलों की मदद के लिए पहले ही भेज दिए हैं.
ट्रेनें रद्द, घायलों के पास नहीं पहुंच सके अपने
बालासोर। हादसे के शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया है. कई के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में हुए भीषण ट्रेन हादसे के मद्देनजर शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में शनिवार को उस स्थल का दौरा किया, जहां शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई थी. वैष्णव ने कहा कि अब मुख्य रूप से राहत एवं बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
राष्ट्रपति और पीएम ने जताया दुख : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. अधिकारियों ने बताया कि हादसे में घायल लोगों को जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है.
विपक्ष ने सिग्नल सिस्टम पर उठाए सवाल
बालासोर। ओडिशा में ट्रेन हादसे में 288 यात्रियों की मौत पर शोक जताते हुए विपक्षी दलों के नेताओं ने रेलवे की सिग्नल प्रणाली पर सवाल उठाए हैं, जिसकी वजह से संभवत: यह दुर्घटना हुई. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने ट्वीट किया कि ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा ट्रेन दुर्घटना की दुखद खबर सुनकर स्तब्ध और व्यथित हूं. गोखले ने कहा कि दुर्घटना से प्रभावित लोगों और उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं. कथित तौर पर सिग्नल में खराबी के कारण तीन ट्रेन की टक्कर हुई, जो विश्वास से परे और चौंकाने वाला है. गंभीर सवाल हैं, जिनका जवाब देने की जरूरत है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (भाकपा-माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी यही सवाल उठाया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि क्या भारतीय रेलवे में अब हमारे पास कोई सिग्नल या सुरक्षा प्रणाली नहीं रह गई है? या क्या इस तरह के भयावह हादसे भारत में रेल यात्रा के लिए सामान्य बात हो जाएंगे? हमें पीड़ितों और इस हादसे में अपनों को खोने वाले परिवारों को जवाब देना चाहिए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनॉय विश्वम ने इस दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की.
बीमा कवर: बुकिंग के समय करना होता है एक काम, आप की यात्रा हो जाती है इंश्योर्ड
ट्रेन टिकट पर मिलता है 10 लाख का इंश्योरेंस
शुभम संदेश डेस्क। किसी भी तरह के ट्रेन हादसे में आप को टिकट का रिजर्वेशन कराते समय ही 10 लाख रुपए के इश्योरेंश का विकल्प मिलता है. अगर आपने इंश्योरेंस का विकल्प चुल लिया तो किसी भी तरह की दुर्घटना में पूरा बीमा कवर मिलता है. आपका ट्रेन टिकट आपको एक रुपए से भी कम खर्च में 10 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस दे देता है. बता दें कि ट्रेन की ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर यात्रियों को 10 लाख रुपए का का इंश्योरेंस मिलता है. जब आप आईआरसीटीसी से ऑनलाइन टिकट की बुकिंग करवाते हैं, तो आपको 1 रुपए से भी कम खर्च पर ट्रेन सफर में इंश्योरेंस का ऑप्शन मिलता है. इस इंश्योरेंस को पाने के लिए टिकट बुकिंग के वक्त आपको ये विकल्प चुनना पड़ता है। अगर आप बीमा ऑप्शन को चुनते हैं, तभी आप इस इंश्योरेंस को पाने के हकदार बन पाते हैं.
क्यों जरूरी है टिकट पर मिलने वाला ये इंश्योरेंस : ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक करते वक्त अगर आप इंश्योरेंस का विकल्प चुनते हैं, तो यात्रा के दौरान आपको 10 लाख तक का कवर मिल जाता है. यदि दुर्भाग्यवश ट्रेन दुर्घटना की शिकार हो जाती है, तो इलाज का खर्च और दुर्भाग्य रूप से मृत्यु होने पर आश्रितों को मुआवजे में आर्थिक मदद मिलती है. इस इंश्योरेंस कवर के तहत अगर रेल हादसे में यात्री की मृत्यु हो जाती है या वो स्थाई रूप से विकलांग हो जाता है, तो उसे या उसके परिवार को 10 लाख रुपए तक की बीमा राशि दी जाती है. अगर यात्री आंशिक रूप से विकलांग हो जाता है, तो उसे 7.5 लाख रुपया मुआवजा मिलता है. वहीं गंभीर रूप से घायल होने पर यात्री को 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है. वहीं हादसे में मामूली रूप से घायल होने पर यात्री को 10 हजार रुपए तक का मुआवजा मिलता है.
कैसे ले सकते हैं ट्रेन टिकट पर बीमा : आप आईआरसीटीसी की वेबसाइट या ऐप के जरिए अगर ट्रेन टिकट बुक करते हैं, तो आपको ये विकल्प मिलता है। ये सुविधा सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही मिलती है. टिकट बुकिंग करते वक्त सबसे नीचे इंश्योरेंस सेलेक्ट करने का विकल्प मौजूद होता है. उसे टिक करके आप इसे चुन सकते हैं. भारतीय रेलवे की ओर से यह ट्रैवल इंश्योरेंस एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड और लिबर्टी जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड दे रही है.
कैसे कर सकते हैं क्लेम : इस बीमा का क्लेम करने के लिए आपको 4 महीने तक का वक्त मिलता है. आपको टिकट के साथ जिस बीमा कंपनी का इंश्योरेंस मिला है, आप उस कंपनी के ऑफिस में जाकर बीमा के लिए क्लेम फाइल कर सकते हैं. यहां एक बात जो सबसे जरूरी है कि बीमा सेलेक्ट करने के बाद आपको नॉमिनी का नाम जरूर भरना है.
देश में पिछले कुछ वर्षों में कब, कहां हुए बड़े रेल हादसे
- 19 अगस्त 2017: यूपी के मुज़फ्फ़रनगर में खतौली के पास कलिंगा-उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरे. ट्रेन पुरी से हरिद्वार जा रही थी. इसमें 23 लोगों की मौत हो गई.
- 22 जनवरी 2017: आंध्र के विजयनगरम में हीराखंड एक्सप्रेस के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए, इससे 39 लोग मारे गए.
- 20 नवंबर 2016 : यूपी में कानपुर के पुखरायां में इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में 152 यात्रियों की मौत हो गई.
- 20 मार्च 2015: देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई. इसमें 34 लोग मारे गए.
- 4 मई 2014: दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन नागोठाने और रोहा स्टेशन के बीच पटरी से उतर गई. इसमें 20 लोगों की जान गई.
- 28 दिसंबर 2013: बेंगलूरु-नांदेड़ एक्सप्रेस में आग लग गई. इसमें 26 लोग मारे गए. इसी साल 19 अगस्त को राज्यरानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से बिहार के खगड़िया में 28 लोगों की जान चली गई.
- 30 जुलाई 2012: भारतीय रेलवे के इतिहास में साल 2012 हादसों के मामले से सबसे बुरा रहा. इस साल लगभग 14 रेल हादसे हुए. इनमें पटरी से उतरने और आमने-सामने टक्कर दोनों तरह के हादसे शामिल हैं. 30 जुलाई 2012 को दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक कोच में नेल्लोर के पास आग लग गई, जिसमें 50 से ज़्यादा लोग मारे गए.
- 07 जुलाई 2011: यूपी में ट्रेन और बस की टक्कर में 38 लोगों की मौत हो गई.
- 20 सितंबर 2010: एमपी के शिवपुरी में ग्वालियर इंटरसिटी एक मालगाड़ी से टकराई. इस टक्कर में 33 लोगों की जान चली गई और 160 से ज़्यादा लोग घायल हुए.
- 19 जुलाई 2010: पश्चिम बंगाल में उत्तर बंग एक्सप्रेस और वनांचल एक्सप्रेस की टक्कर हुई. 62 लोगों की मौत हुई और डेढ़ सौ से ज़्यादा घायल हुए.
- 28 मई 2010: पश्चिम बंगाल में नक्सली हमले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस पटरी से उतरी. इस हादसे में 170 लोगों की मौत हो गई.
- 21 अक्टूबर 2009: यूपी में मथुरा के पास गोवा एक्सप्रेस का इंजन मेवाड़ एक्सप्रेस की आख़िरी बोगी से टकरा गया. इस घटना में 42 मारे गए.
- 14 फ़रवरी 2009: (रेल बजट के दिन) हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे ओडिशा में जाजपुर रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतरे. हादसे में 36 की मौत हो गई.
- 13 अगस्त 2008: सिकंदराबाद से काकिनाडा जा रही गौतमी एक्सप्रेस में देर रात आग लगी. इसमें 32 लोग मारे गए और कई घायल हुए.
- 21 अप्रैल 2005: गुजरात में वडोदरा के पास साबरमती एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई.
- 12 फ़रवरी 2005: महाराष्ट्र में एक ट्रेन और ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर में 50 लोगों की मौत हो गई.
- 28 जून 2003: महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में 51 लोग मारे गए.
- 2 जुलाई 2003: आंध्र प्रदेश में हैदराबाद से 120 किलोमीटर दूर वारंगल में गोलकुंडा एक्सप्रेस के दो डिब्बे और इंजन एक ओवरब्रिज से नीचे सड़क पर जा गिरे. इस दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हुई.
- 15 मई 2003: पंजाब में लुधियाना के नज़दीक फ़्रंटियर मेल में आग लगी. कम से कम 38 लोग मारे गए.
- 9 सितंबर 2002: हावड़ा से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई. इसमें 120 लोग मारे गए.
- 22 जून 2001: मंगलोर-चेन्नई मेल केरल की कडलुंडी नदी में जा गिरी. 59 लोग मारे गए.
- 31 मई 2001: उत्तर प्रदेश में एक रेलवे क्रॉसिंग पर खड़ी बस से ट्रेन जा टकराई. 31 लोग मारे गए.
- 2 दिसंबर 2000: कोलकाता से अमृतसर जा रही हावड़ा मेल दिल्ली जा रही एक मालगाड़ी से टकराई. 44 की मौत.
- 3 अगस्त, 1999 : ब्रह्मपुत्र मेल उत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार डिवीजन के गैसल स्टेशन पर खड़ी अवध असम एक्सप्रेस से टकरा गई. इस हादसे में 285 से अधिक यात्री मारे गए.
- 26 नवंबर, 1998 : पंजाब के खन्ना में जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस, फ्रंटियर गोल्डन टेंपल मेल के पटरी से उतरे तीन डिब्बों से टकरा गई, जिससे 212 यात्रियों की मौत हो गई.
- 14 सितंबर,1997: अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में एक नदी में जा गिरी. 81 की मौत.
- 18 अप्रैल 1996: एर्नाकुलम एक्सप्रेस दक्षिण केरल में एक बस से टकराई. 35 की मौत.
- 20 अगस्त 1995: नई दिल्ली जा रही पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कालिंदी एक्सप्रेस से फ़िरोजाबाद, यूपी में जा टकराई. 305 की मौत.
- 21 दिसंबर 1993: कोटा-बीना एक्सप्रेस मालगाड़ी से राजस्थान में टकराई. 71 की मौत.
- 16 अप्रैल 1990 : पटना के पास रेल में आग लगी. 70 की मौत.
- 23 फरवरी 1985 : राजनांदगांव में एक यात्री गाड़ी के दो डिब्बों में आग लगी. 50 की मौत.
- 6 जून 1981 : बिहार में देश की सबसे भीषण ट्रेन दुर्घटना हुई. पुल पार करते समय एक ट्रेन बागमती नदी में गिर गई, जिससे उसमें सवार 800 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई.
- 23 दिसंबर 1964 : पंबन-धनुस्कोडी पैसेंजर ट्रेन रामेश्वरम चक्रवात में बह गयी,, जिससे 126 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई.