New Delhi : इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रेप पीड़िता की कुंडली की जांच करने वाले विवादित आदेश पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने हस्तक्षेप करते हुए रोक लगा दी है. खबर है कि विदेश में होने के बावजूद सीजेआई ने इस मामले की गंभीरता समझी और तुरंत हस्तक्षेप करते हुए स्टे लगा दिया. शनिवार व रविवार को सुनवाई नहीं होने के बावजूद सीजेआई के निर्देश पर एक बेंच ने तत्काल इस मामले की सुनवाई की और हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया.
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प्रोफेसर पर महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था
खबरों के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक रेप पीड़िता के केस में आरोपी की जमानत पर सुनवाई करते हुए उसकी कुंडली जांचने का आदेश दिया. जान लें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर पर एक महिला ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था. आरोपी प्रोफेसर जेल भेज दिया गया था. जेल में बंद प्रोफेसर ने 23 मई को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की.
हाईकोर्ट ने लखनऊ विवि को महिला की कुंडली जांचने का आदेश दिया
जमानत याचिका में हाईकोर्ट को बताया गया कि वह महिला से इसलिए शादी नहीं कर सकता क्योंकि वह मांगलिक है. उसके बाद हाईकोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को महिला की कुंडली की पड़ताल करने का आदेश दिया ताकि यह सामने आ सके कि आरोपी प्रोफेसर का दावा कितना सही है. इस क्रम में कोर्ट ने निर्देश दिया कि महिला की कुंडली सीलबंद लिफाफे में एक सप्ताह के भीतर जमा करें.
सीजेआई ने विदेश से किया हस्तक्षेप
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अजीबो-गरीब आदेश की जानकारी सामने आने पर विदेश प्रवास में गये सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बिना देर किये हस्तक्षेप किया और रजिस्ट्री को केस की सुनवाई करने के लिए तत्काल बेंच गठित करने का निर्देश दिया. इस आदेश के बाद जस्टिस सुंधाशु धूलिया और पंकज मित्तल की बेंच का गठन किया गया और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गयी. SC अब जुलाई में इस मामले में सुनवाई करेगा.