Jamshedpur : टाटा स्टील 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर, 2021 तक झारखंड तीरंदाजी अकादमी के तत्वावधान में जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के टाटा आर्चरी एकेडमी (टीएए) में 40वें सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी चैम्पियनशिप की मेजबानी कर रही है. जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री सह भारतीय तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष अर्जुन मुंडा 2 अक्टूबर, 2021 को मुख्य अतिथि के रूप में चौंपियनशिप का विधिवत उद्घाटन करेंगे. इस अवसर पर चाणक्य चौधरी, वीपी, कॉर्पाेरेट सर्विसेज, टाटा स्टील, प्रमोद चंद्रूकर, मानद महासचिव, भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) और पार्थ मजूमदार, क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन), एनटीपीसी भी मौजूद रहेंगे.
एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप जाने वाली टीम के लिए टॉप 16 इसी प्रतियोगिता से चुने जाएंगे
10 दिनों तक चलने वाले इस खेल उत्सव में देशभर के सैकड़ों प्रख्यात तीरंदाज, 40 राज्यों व क्षेत्रों के टीम अधिकारी, खेल नियंत्रण या प्रोत्साहन बोर्ड और सम्मानित निर्णायक मंडल शामिल होंगे. एक्शन से भरपूर इस इवेंट में इंडियन राउंड, कंपाउंड और रिकर्व नेशनल (पुरुष और महिला) होंगे. सीनियर नेशनल तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 2 से 3 अक्टूबर तक इंडियन राउंड इवेंट होगा, इसके बाद 5 से 6 अक्टूबर तक कंपाउंड इवेंट और 8 से 9 अक्टूबर तक रिकर्व (ओलंपिक) इवेंट होगा.
सीनियर नेशनल काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसी चौंपियनशिप से रिकर्व पुरुष, रिकर्व महिला, कंपाउंड पुरुष और कंपाउंड महिला श्रेणियों में शीर्ष के 16 रैंक धारक जमशेदपुर में 10 और 11 अक्टूबर को होने वाले फाइनल ट्रायल के लिए चुने जायेंगे. यह ढाका में होने वाले एशियाई तीरंदाजी चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम के चयन का आधार होगा.
तीरंदाजी खेल को टाटा स्टील जनजातीय संस्कृति के फल के रूप में देखता है : चाणक्य चौधरी
टाटा स्टील कॉर्पाेरेट सर्विसेज के वाईस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने कहा, “जमशेदपुर में 40वें एनटीपीसी सीनियर राष्ट्रीय तीरंदाजी चौंपियनशिप की मेजबानी कर टाटा आर्चरी एकेडमी को बेहद प्रसन्नता हो रही है. एकेडमी को अपनी 25वीं वर्षगांठ पर इस राष्ट्रीय आयोजन का हिस्सा बनने पर भी गर्व है. टाटा स्टील तीरंदाजी को न केवल गहरी सभ्यतागत जड़ों वाले भारत के लिए एक आशाजनक खेल के रूप में देखता है, बल्कि हमारी जनजातीय संस्कृति के फल के रूप में भी देखता है, जिसे हमारी आने वाली पीढ़ियों के लाभ के लिए संरक्षित और पोषित किया जाना चाहिए. टाटा स्टील ऐसी सेतुओं का निर्माण करना और मजबूत करना जारी रखेगी, जो खेल, कला और संस्कृति जैसे शक्तिशाली साधनों के माध्यम से हमारे देश के स्वदेशी समुदायों को आधुनिक भारत से जोड़ते हैं.”
टीएए ने 150 से अधिक राष्ट्रीय खिलाड़ी दिए
उन्होंने कहा कि चूंकि तीरंदाजी हमारे संचालन क्षेत्रों और इसके आसपास रहने वाले समुदायों, विशेष रूप से आदिवासी युवाओं के बीच एक पसंदीदा खेल है, जिसे देखते हुए तीरंदाजी में युवाओं की क्षमता की पहचान करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए 1986 में टाटा आर्चरी एकेडमी (टीएए) का गठन किया गया, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के तीरंदाजी टूर्नामेंटों में हिस्सा लेकर उत्कृष्टता हासिल कर सकें और पदक जीतें. एकेडमी प्रतिभा खोज कार्यक्रमों का आयोजन करती है, युवा तीरंदाजों को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षित करती है और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तैयार करती है. कैडेटों को तीरंदाजी में उत्कृष्टता के लिए अत्याधुनिक बुनियादी संरचना और उच्च स्तर के योग्य कोचों के साथ एक विश्व स्तरीय इकोसिस्टम प्रदान किया जाता है. अब तक टीएए के लगभग 150 से अधिक कैडेटों ने राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में हिस्सा लिया है, जबकि 50 से अधिक कैडेटों ने ओलंपिक सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में शानदार प्रदर्शन किया है. टीएए को स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के ‘खेलो इंडिया टैलेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम’ से भी मान्यता प्राप्त है. 4 अक्टूबर, 2021 को टाटा स्टील स्थानीय युवाओं की देसी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित टाटा आर्चरी एकेडमी की रजत जयंती भी मनाएगी. 1996 के बाद से, टाटा आर्चरी एकेडमी ने देश के महान गौरव में योगदान देने के लिए प्रतिभाशाली युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित और पोषित किया है.