Satya Sharan Mishra
Ranchi: रांची मास्टर प्लान 2037 को लेकर रांची नगर निगम क्षेत्र के 60 लोगों ने आपत्ति दर्ज की है. 16 जनवरी तक यह आपत्तियां नगर निगम को मिली है. अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन के नेतृत्व में बनी पांच सदस्यीय कमेटी इन आपत्तियों का अध्ययन करेगी. कमेटी में रांची नगर निगम के दो टाउन प्लानर अनिल कुमार और श्रीकांत शरण, आरआरडीए के टाउन प्लानर स्वनिल मयूरेश और लीगल सेल से अरूण कुमार को शामिल किया गया हैं. पांच सदस्यीय यह कमेटी सभी आपत्तियों का अध्ययन करने के बाद संबंधित जमीनों का लैंड यूज चेंज करने पर विचार करेगी और फिर उसका प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजेगी.
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सैटेलाइट से ली गई तस्वीर में आवासीय यूज के प्लाट बन गये वाटर बॉडी
मास्टर प्लॉन 2037 के नक्शे के लिए सैटेलाइट से तस्वीर ली गई थी. जब तस्वीर ली गई थी उस वक्त बारिश का मौसम था. इस वजह से कई जगहों पर पानी जमा था और अस्थाई पौधे उग आये थे. इसी तस्वीर के आधार पर मास्टर प्लान का नक्शा तैयार हो गया. इससे दिक्कत यह हुई कि जो जमीन कृषि, कमर्शियल या आवासीय यूज थी वो वाटर बॉडी या ग्रीनलैंड में शामिल कर दिया गया. 200 से ज्यादा प्लॉट पर इस तरह की गड़बड़ी हुई है. सर्कुलर रोड, चुटिया, अरगोड़ा से कटहल मोड के बीच, मोरहाबादी और चिरौंदी में यह समस्या सबसे ज्यादा आयी है. इसके कारण जमीन मालिकों का नक्शा पास नहीं हो पा रहा है. इन्हीं सब दिक्कतों को दूर करने के लिए नगर निगम ने लोगों से 16 जनवरी 2023 तक आपत्ति मांगी थी.
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कई संगठन कर रहे हैं विरोध
उधर मास्टर प्लान को लेकर कई संगठनों का विरोध जारी है. उनका कहना है कि रांची अधिसूचित क्षेत्र है. यहां सीएनटी और पेसा कानून लागू है. मास्टर प्लान में इसकी अनदेखी की गई है. मास्टर प्लान में जनजातियों की जीविका, आजीविका की रक्षा का भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है. जमीन और खेत की सुरक्षा की गारंटी भी नहीं दी गई है.
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