Vinit Upadhaya
Ranchi : हेहल के CO ओम प्रकाश मंडल हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं मानते हैं. 17 नवंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने हेहल अंचल के बजरा मौजा की खाता 140 की जमीन के जमाबंदी रद्द करने का आदेश दिया था. लेकिन अब तक जमाबंदी रद्द करने के आदेश पर CO ने कार्रवाई नहीं की. बता दें कि खुद को खाता 140 की भूमि का दावेदार बताने वाले चंदन कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन ने 7 एकड़ जमीन का 83 साल का लगान रसीद एक ही दिन काटने का आदेश दे दिया था.
जिस जमीन के संबंध में हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया है. वह रांची शहर से करीब 5 किमी दूर हेहल अंचल की है. जमीन बजरा मौजा में स्थित है. जमीन का कुल रकवा 7 एकड़ है. जिसका खाता नंबर- 140 है. करोड़ों रुपये मूल्य की इस ज़मीन पर पुलिस की मौजूदगी में बाउंड्री हुई थी. जिसका भारी विरोध हुआ था. रजिस्ट्री होने के लगभग एक वर्ष बाद यह खुलासा हुआ है कि खाता 140 की जिस चर्चित भूमि का लगान निर्धारण के बिना रसीद निर्गत हुआ है उसका मूल दस्तावेज ही रिकॉर्ड रूम में नहीं है.
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हाईकोर्ट ने छवि रंजन के आदेश को ख़ारिज कर दिया था
17 नवंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने रांची के तत्कालीन DC छवि रंजन के उस आदेश को ख़ारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने बजरा मौजा की पांच एकड़ से ज़्यादा भूमि के म्यूटेशन का आदेश पारित किया था. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने यह आदेश दिया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद चंदन साहू एवं अन्य रैयतों ने हेहल CO ओम प्रकाश मंडल को आदेश की कॉपी और आवेदन भी दिया. लेकिन CO ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. जब हमने इस पुरे मामले पर हेहल के अंचल अधिकारी ओम प्रकाश मंडल से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश स्पष्ट नहीं है. लीगल सेक्शन से कल ही मार्गदर्शन मांगा गया है. वरीय पदाधिकारियों से पत्राचार करने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
चार अलग-अलग डीड के माध्यम से हुई है रजिस्ट्री
गौरतलब है कि खाता 140 की करीब 7 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री रवि भाटिया और श्याम सिंह के नाम पर चार अलग-अलग डीड के माध्यम से हुई है. इस भूमि का लगान रसीद रवि भाटिया और श्याम सिंह की रजिस्ट्री से एक दिन पूर्व ही निर्गत हुआ था. वर्ष 1938 से लेकर वर्ष 2021 तक का लगान निर्धारण किये बिना लगान रसीद जारी की गई थी. जिसके बाद प्रमंडलीय आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी ने इस जमीन की जमाबंदी के मामले में रांची डीसी छवि रंजन के आदेश को नियम विरूद्ध बताया था.
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