Ranchi : राज्य के बाहर फंसे झारखंडी मजदूरों की घर वापसी को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर लगातार अभियान चल रहा है. कोरोना काल में कई राज्यों और बॉर्डरों से मजदूरों की घर वापसी के बाद बीते कुछ दिनों से हिमाचल प्रदेश में रह रहे झारखंड के मजदूरों की घर वापसी करायी जा रही है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर से मजदूरों के लौटने का सिलसिला जारी है. अब तक चार जत्थों में कुल 61 श्रमिकों की वापसी हो चुकी है. सभी मजदूर खूंटी, तोरपा, बंदगांव आदि क्षेत्र के निवासी हैं. ये मजदूर हिमाचल प्रदेश स्थित राठी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड में काम करने गए थे. लौटने वाले मजदूरों को बकाया वेतन का भी भुगतान किया जा रहा है.
मारपीट की घटना के बाद सीएम से लगायी थी गुहार
बता दें कि बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में झारखंड के श्रमिकों के साथ मारपीट की घटना हुई थी. उस घटना के बाद श्रमिकों ने वापस लौटने की गुहार लगाई थी. मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री को मिली तो उन्होंने मजदूरों की सकुशल वापस लाने के निर्देश दिया था.
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मुख्यमंत्री रख रहे हैं नजर
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद श्रम विभाग के अंतर्गत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी से बात कर मजदूरों की वापसी सुनिश्चित करायी. राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद हिमाचल प्रदेश स्थित कंपनी प्रबंधन ने भी मजदूरों को वापस भेजने पर सहमति जताई. श्रमिकों को उनका बकाया वेतन भी उनके बैंक खाते में भेज दिया जा रहा है. वापस लौटने के बाद मजदूर एतवा मुंडा ने बताया कि और भी समूह वापस आने की तैयारी कर रहे हैं.
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काउंसलर ने कहा, वापसी में आ रही अड़चनों को किया जा रहा दूर
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की काउंसलर रजनी तापे ने बताया कि राठी हाइड्रो प्रोजेक्ट पावर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख धर्मेंद्र राठी से लगातार संपर्क रखा गया है. मजदूरों की वापसी में आ रही अड़चनों को दूर किया जा रहा है. अभी जितने मजदूर हिमाचल प्रदेश में रह गए हैं उन्हें भी समूहों में वापस भेजने की तैयारी की जा रही है. जितने भी मजदूर वापस आ रहे हैं, कंपनी के प्रमुख उसकी सूचना खुद प्रवासी नियंत्रण कक्ष को लगातार भेज रहे हैं. वापस पहुंचने वाले सभी श्रमिकों ने झारखंड के मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता और राज्य प्रवासी मजदूर नियंत्रण कक्ष को धन्यवाद दिया है.