Brussels : दुनिया भर में इस साल अब तक 67 पत्रकार और मीडियाकर्मी मारे जा चुके हैं, जबकि पिछले साल 47 पत्रकार मारे गये थे. इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स की नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. जानकारी के अनुसार ब्रुसेल्स स्थित समूह ने वर्तमान में विभिन्न देशों में गिरफ्तार किये गये 375 पत्रकारों पर भी मंथन किया गया. इनमें हांगकांग, म्यांमार और तुर्की सहित चीन में आंकड़े शामिल हैं.
पिछले साल की रिपोर्ट में जेल में बंद 365 पत्रकारों को सूचीबद्ध किया गया था. बता दें कि मारे गये मीडियाकर्मियों की संख्या में इजाफे के साथ, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स और अन्य मीडिया अधिकार समूहों ने चिंता जताई है. साथ ही सरकारों से पत्रकारों की सुरक्षा और मुक्त पत्रकारिता के लिए अधिक ठोस कार्रवाई करने की मांग की है.
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आईएफजे के महासचिव एंथनी बेलांगर ने कहा
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के महासचिव एंथनी बेलांगर ने बयान जारी कर कहा है कि पत्रकारों की कार्य करने में विफलता केवल उन लोगों को बढ़ावा देगी जो सूचना के मुक्त प्रवाह को दबाने की कोशिश करते हैं. कहा कि इससे लोगों की अपने नेताओं पर लगाम रखने की क्षमता कम होती हैं. आईएफजे के अनुसार, इस वर्ष किसी भी अन्य देश की तुलना में यूक्रेन युद्ध को कवर करने वाले अधिक मीडियाकर्मी मारे गये. कुल मिलाकर यहां 12 पत्रकारों की मौत हुई है. इनमें अधिकतर यूक्रेनी थे. लेकिन इसमें अमेरिकी वृत्तचित्र फिल्म निर्माता ब्रेंट रेनॉड जैसी अन्य शख्सियत भी शामिल थीं. यहां पत्रकारों को धमकियां जारी हैं क्योंकि लड़ाई जारी है.
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मेक्सिको में पत्रकारों के लिए अब तक का सबसे घातक साल रहा है
आईएफजे का कहना है कि मेक्सिको में आपराधिक संगठनों के आतंक के शासन और हैती में कानून और व्यवस्था टूटने के कारण भी हत्याओं में वृद्धि हुई है. बताया गया कि 2022 मेक्सिको में पत्रकारों के लिए अब तक का सबसे घातक साल रहा है. इसे अब युद्ध क्षेत्र के बाहर पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक देश करार दिया गया है.
कोलंबिया व फिलीपींस में पत्रकारों के लिए खतरे बढ़े हैं
आईएफजे ने पाकिस्तान में इस साल के राजनीतिक संकट के बीच पांच पत्रकारों की मौत की जानकारी दी है. कोलंबिया व फिलीपींस में पत्रकारों के लिए खतरे बढ़े हैं. इस रिपोर्ट में अल जज़ीरा के पत्रकार शिरीन अबू अकलेह के बारे में भी चरचा की गयी है, जिनकी मौत इजरायली सेना की गोली से हुई थी. वह एक फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर से रिपोर्टिंग कर रही थी. जान लें कि ब्रसेल्स स्थित आईएफजे 140 से अधिक देशों में ट्रेड यूनियनों और संघों के 600,000 मीडिया पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करता है. यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस की पूर्व संध्या पर जारी की गयी थी.