Ranchi : झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी सिविल सेवा परीक्षा को लेकर हाईकोर्ट के डबल बेंच ने बुधवार को एक ऐतिहासिक फैसला दिया है. सिंगल बेंच के दिये आदेश को यथावत रखने का निर्णय डबल बेंच ने दिया है. इससे चयनित हुए 326 अभ्यर्थियों को एक बड़ा झटका लगा है. बता दें कि सिंगल बेंच ने छठी जेपीएससी के अंतिम परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था. अदालत ने माना था कि पेपर वन में सिर्फ क्वालिफाई मार्क्स लाना था, लेकिन जेपीएससी इसे कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया, जो कि गलत है. सिंगल बेंच के निर्णय पर चयनित हुए 326 अभ्यर्थियों ने डबल बेंच में अपील की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है.
जानें, एक्सपर्ट की राय, अब छठी जेपीएससी को लेकर क्या-क्या संभावना बनती हैं
कोर्ट के आज के निर्णय के बाद छठी जेपीएससी को लेकर कई तरह की संभावना बनती दिख रही है. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे रांची स्थित संस्थान ASCI के निदेशक डॉ अनिल मिश्र की मानें, तो कुल 4 संभावनाएं बनती हैं. इसमें तीन आयोग और एक सफल अभ्यर्थियों के लिए है.
जानिये, कौन-कौन सी हैं संभावनाएं
पहला – सरकार सफल हुए अभ्यर्थियों को नौकरी से हटाकर जेपीएससी को संशोधित रिजल्ट जारी करने का निर्देश दे सकती है. इसमें क्वालीफाइंग paper-1 के नंबर को हटाकर प्रत्येक विषय में न्यूनतम अर्हतांक लाने वाले अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जाएगा. तय है कि इससे कई सफल अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे. वहीं, मुख्य परीक्षा में असफल घोषित किये गए कुछ अभ्यर्थियों का चयन हो जाएगा. ऐसी स्थिति में जेपीएससी को फिर से मुख्य परीक्षा के स्तर से ही रिजल्ट को संशोधित करना पड़ेगा.
एक्सपर्ट की मानें तो परीक्षा की पूरी गोपनीयता समाप्त हो चुकी है. उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा का नंबर ज्ञात है. ऐसे में निष्पक्ष इंटरव्यू कराना आयोग के लिए संभव नहीं होगा.
बता दें, जेपीएससी ने अंतिम रिजल्ट के साथ ही अभ्यर्थियों के मार्कशीट भी जारी कर दिया था. इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने अशोक कुमार यादव बनाम हरियाणा राज्य वाद तथा प्रणव कुमार बनाम रजिस्ट्रार जनरल ऑफ द हाई कोर्ट ऑफ पंजाब एवं हरियाणा वाद में यह निर्णय दिया है कि यदि इंटरव्यू बोर्ड के मेंबर्स को मुख्य परीक्षा के प्राप्तांक पहले से ज्ञात हों, तो वह किसी भी अभ्यर्थी के पक्ष या विरोध में परीक्षा परिणाम को प्रभावित कर सकते हैं. स्पष्ट है गोपनीयता भंग होने और मुख्य परीक्षा का प्राप्तांक सार्वजनिक हो जाने पर इंटरव्यू नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में जेपीएसी के लिए संशोधित रिजल्ट जारी करना अत्यंत कठिन एवं पेचीदा काम होगा.
दूसरा – सरकार छठी जेपीएससी की अधियाचना को वापस ले सकती है. और पूरी प्रक्रिया को रद्द करते हुए फिर से पीटी परीक्षा आयोजित कर सकती है.
तीसरा – एक विकल्प यह है कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल सभी उम्मीदवारों का फिर से नई मुख्य परीक्षा ली जाए. सफल उम्मीदवारों को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से इंटरव्यू कराकर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जा सकती है.
चौथा – एक संभावना यह भी है कि चयनित अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं. और झारखंड हाईकोर्ट के डबल बेंच के निर्णय पर स्टे करने की गुहार लगा सकते हैं.
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