Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद वेस्ट अफ्रीका के माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग के 33 श्रमिकों में से सात श्रमिक वापस लाये गये. दिलीप कुमार, छेदीलाल महतो, संतोष महतो, लालमणि महतो, इन्द्रदेव ठाकुर, लोकनाथ महतो और इन्द्रदेव प्रसाद की झारखंड वापसी हो गई है. श्रमिकों के दूसरे ग्रुप के रविवार को माली से रवाना होने की संभावना है. गौरतलब है कि lagatar.in ने सबसे पहले इस खबर को दिखाया था और माली के मजदूरों का हाल और उनकी फरियाद live दिखाया था.
ठेकेदार ने जब्त कर लिया था पासपोर्ट, 3 महीने से वेतन भी नहीं मिला
जनवरी 2022 में सोशल मीडिया के माध्यम से श्रमिकों ने अपनी स्थिति से मुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को अवगत कराया था. मुख्यमंत्री को बताया गया कि वे सभी 2021 से कल्पतरु पावर ट्रैन्ज़्मिशन लिमिटेड में फीटर के रूप में कार्यरत हैं. ठेकेदार ने उनका पासपोर्ट जब्त कर रखा है और वह भारत वापस आ चुका है. तीन महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया गया. उनके पास दो दिन का खाना ही बचा था. मामले पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का आदेश दिया. इसके बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा कंपनी के कंट्री हेड एवं मेनेजर से संपर्क कर उन्हें श्रमिकों की समस्या से अवगत कराते हुए उनके खाने की उचित व्यवस्था और वेतन का भुगतान करने को कहा गया.
तीनों पक्ष के समझौते के बाद वापसी सुनिश्चित हुई
मामले की गंभीरता को देखते हुए माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर घटना से अवगत कराया गया. दूतावास द्वारा कंपनी, ठेकेदार एवं श्रमिकों के प्रतिनिधियों को दूतावास कार्यालय बातचीत के लिए बुलाया गया. इसके बाद तीनों पक्ष के प्रतिनिधियों ने दूतावास कार्यालय में समझौता पत्र में हस्ताक्षर किया गया और श्रमिकों की वापसी सुनिश्चित हुई.
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