NewDelhi : पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से मोदी सरकार द्वारा लगाये गये लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरी चली जाने और पीएफ का पैसा निकालने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को मोदी सरकार पर निशाना साधा.
बता दें कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोजगारी बढ़ी. इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष (2020-21) में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 6.5 फीसदी अधिक यानी 71 लाख खाते प्रोविडेंट फंड खाते बंद किये गये.
आपकी नौकरी गयी और EPF अकाउंट बंद करना पड़ा।
केंद्र सरकार के रोज़गार मिटाओ अभियान की एक और उपलब्धि! pic.twitter.com/MSxyvMeot8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 18, 2021
इस पर राहुल गांधी ने गुरुवार को नवजीवन की एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए EPF अकाउंट को लेकर सरकार को घेरा .
कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर लिखा कि आपकी नौकरी गयी और EPF अकाउंट बंद करना पड़ा. केंद्र सरकार के रोज़गार मिटाओ अभियान की एक और उपलब्धि! राहुल गांधी ने ट्वीट के साथ नवजीवन की खबर को शेयर किया है, जिसमें लिखा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान लाखों कर्मचारी बेरोजगार हो गये. पिछले 9 महीने में 71 लाख ईपीएफ खाते बंद हुए हैं.
पढ़े-लिखे युवा नौकरी के लिए भटक रहे है
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में राहुल ने लिखा कि पढ़े-लिखे युवा नौकरी के लिए भटक रहे है. ऐसा लग रहा है कि सरकार असली डिग्री वाले OBC-SC-ST को प्रताड़ित कर रही. उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक रिपोर्ट शेयर की थी, जिसमें IIT, NIT जैसे संस्थानों में खाली पदों का जिक्र था.
आज के बिहार में नौकरी मेहनत से पायी नहीं जाती : राजद
इसी क्रम में युवा राष्ट्रीय जनता दल ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज़ कसा है. राजद ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें एक लड़का कह रहा है इस बार अच्छा रिज़ल्ट आयेगा, मेरा फिक्स है इस बार 92% आयेगा.
इस पर पत्रकार कहते हैं कोई सवाल बताइये जो आपको याद हो, तो छात्र कहता है, मेरा तो सेटिंग है. राजद ने वीडियो शेयर कर लिखा, आज के बिहार में नौकरी मेहनत से पायी नहीं जाती है! उसे मोटी रकम देकर खरीदना पड़ता है! सौजन्य: नीतीश कुमार सरकार
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पांच करोड़ से अधिक सक्रिय ईपीएफ खाते
साल 2019-20 के पहले नौ महीनों में 66.7 लाख प्रोविडेंट फंड खाते बंद हुए थे. ईपीएफ खाते कई कारणों की वजह से बंद होते हैं जैसे रिटायरमेंट के वक्त, कर्मचारी के बेरोजगार होने पर या नौकरी में बदलाव के कारण. मौजूदा समय में देश में पांच करोड़ से अधिक सक्रिय ईपीएफ खाते हैं.