Bokaro : बोकारो में 15 साल से कम आयु वाले बच्चों को यक्ष्मा बीमारी का खतरा काफी बढ़ गया है. निरंतर मरीजों की संख्या बढ़ रही हैं. इस वर्ष के तीन महीने भी नहीं बीते, लेकिन अबतक 88 बच्चों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं. जिसको लेकर विभाग में खलबली मची हुई है. यह बीमारी समुचित देखभाल के अभाव में तेजी से बढ़ सकता है. इन बच्चों में पाए जाने वाले लक्षण वयस्कों से अलग है.
आखिर कैसे पहचानें लक्षण
टीबी की जद में आने वाले बच्चों को यदि उनका वजन कम हो रहा हो, कमजोरी, हल्की यानी मीठा बुखार हो, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द,थकान, बलगम, लगातार खांसी, भूख नहीं लगने की लक्षण दिखाई देता है, तो चिकित्सकों से परामर्श जरूर लें. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक टीबी हो सकता है.
जानिए कहां होती हैं फ्री जांच
बोकारो जिले के बेरमो, चंदनकियारी, बीजीएच, नवाडीह, जरीडीह, तेनुघाट, गोमिया, पेटरवार, सदर अस्पताल बोकारो में जांच उपलब्ध हैं. एक मरीज पर सरकार 25 हजार रुपये खर्च करती है.
चलाये जा रहे जागरूकता अभियान
सिविल सर्जन कहते हैं कि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जागरुकता अभियान वाले वाहन जिले के विभिन्न प्रखंडों में घूम रहे हैं. शहर में भी जारी है.
कहते हैं सिविल सर्जन
बोकारो के सिविल सर्जन डॉ एबी प्रसाद कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के लोग मरीजों को घर- घर जाकर दवाइयां खिला रहे हैं. उन्होंने आग्रह किया कि सभी लोग इन दवाओं को खाएं तथा बच्चों को खिलाएं जो मानक के अनुरूप हो.
कहते हैं विशेषज्ञ
इंडियन पीडिएट्रिक्स एशोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ एके ठाकुर ने बताया कि बच्चों की जांच करना कठिन हो गया है. इनके लक्षण भी अन्य मरीजों से अलग होती हैं. ऐसे में पहचानाना कठिन है.
इसे भी पढ़ें – झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा- सीएम के बयान से आहत हूं, पूरा झारखंड जल रहा है, 1932 का खतियान लागू हो