Ranchi: बेरमो और दुमका में तीन नवंबर को मतदान होना है. लेकिन उससे पहले ही चुनावी बयानबाजी की वजह से एनडीए में दरार पड़ती दिख रही है. दरअसल बेरमो उपचुनाव में एनडीए के प्रत्याशी के पक्ष में लोगों को संबोधित करते हुए आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि एनडीए कभी बेरमो को धनबाद और झरिया बनने नहीं देगा. इसके बाद से ही बीजेपी के धनबाद विधायक राज सिन्हा के निशाने पर आजसू प्रमुख सुदेश महतो हैं.
सुदेश महतो के बयान के बाद एक दैनिक अखबार से बात करते हुए राज सिन्हा ने सुदेश के बयान पर आपत्ति जतायी है. राज सिन्हा ने कहा कि सुदेश को चुनावी प्रचार के दौरान ऐसा नहीं कहना चाहिए. बेरमो को धनबाद जैसा नहीं बनने देंगे बोलने के पीछे आजसू प्रमुख का मकसद क्या है. धनबाद की जनता इस बयान से आहत है. सुदेश महतो को यह साफ करना चाहिए आखिर ऐसा कहने का मतलब क्या है.
और भी भाजपा नेता हैं आजसू से नाराज
राज सिन्हा बीजेपी के पहले जनप्रतिनिधि नहीं हैं जो आजसू पार्टी या आजसू प्रमुख सुदेश महतो पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. इससे पहले बीजेपी से पांच बार के गिरिडीह सांसद रविंद्र पांडे ने भी आजसू पार्टी को निशाने पर लिया है. पुख्ता सूत्रों का कहना है कि पूर्व सांसद रविंद्र पांडे ने बेरमो से विधानसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. टिकट के लिए दिल्ली दौड़ भी लगा ली थी. लेकिन आजसू पार्टी ने ऐन मौके पर गठबंधन की दुहाई देकर रविंद्र पांडे को टिकट लेने से रोक दिया.
क्या कहना था आजसू का
आजसू का कहना था कि बीजेपी से टिकट देना ही है, तो योगेश्वर महतो बाटुल को टिकट दी जाए. ऐसा हुआ भी. जिसके बाद रविंद्र पांडे ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वो बीजेपी के उम्मीदवार योगेश्वर महतो बाटुल को जिताने की हर संभव कोशिश करेंगे. लेकिन आजसू पार्टी के साथ कभी मंच साझा नहीं करेंगे. वहीं रविंद्र पांडे के समर्थक योगेश्वर महतो के टिकट दिए जाने के बाद से काफी नाराज चल रहे हैं. बेरमो में चुनावी समीकरण देख रहे जानकारों का कहना है कि इस नाराजगी का प्रतिकूल प्रभाव एनडीए कैंडीडेट पर जरूर पड़ेगा.