Bermo : बेरमो कोयलाचंल में वर्षो से सीसीएल के हजारों आवास में अवैध कब्जा है. इधर सीसीएल के कार्मिक विभाग ने अवैध रूप से रह रहे कब्जाधारियों को एक सप्ताह के अन्दर क्वार्टर खाली करने का आदेश दिया है. हालांकि पहले भी सीसीएल प्रबंधन ने अवैध आवासों को खाली कराने का प्रयास किया है, लेकिन सफल नहीं रहा है. इधर एक बार पुनः आवास खाली कराने को लेकर प्रबंधन सक्रिय है.
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कर्मचारी ,मजदूर और अधिकारियों के लिए अलग अलग क्वार्टर
बेरमो कोयलांचंल के कथारा, ढोरी एवं बीएंडके प्रक्षेत्रों में दर्जनों कोलियरी संचालित हैं. इन क्षेत्रों में हजारों की संख्या में कर्मचारी ,मजदूर और अधिकारियों के लिए अलग अलग क्वार्टर बनाए गए हैं. इन क्वार्टरों में पानी और बिजली की मुक्कमल व्यवस्था है, जो सीसीएल के द्वारा मुहैया कराई जाती है. लेकिन सेवानिवृत करने वाले कुछ कर्मचारी अपने घर चले गये वहीं कुछ कर्मचारी या उनके बच्चे यहीं उसी क्वार्टर में रह गए. प्रबंधन शुरूआती दौर में कर्मचारियों से क्वार्टर खाली कराने पर जोर दिया, लेकिन नेताओं की पैरवी के कारण ऐसा हो न सका. लिहजा इस प्रकार सीसीएल के क्वार्टरों में अवैध कब्जा रह गया. इसके अलावा जो कर्मचारी सेवानिवृति के बाद क्वार्टर खाली कर अपने घर चले गए उन क्वार्टरों में दबंगों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया.
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नेता, पुलिस, पत्रकार, दबंगों का है अवैध कब्जा
कथरा, ढोरी और बीएण्डके प्रक्षेत्र में यूनियन के कार्यालय के नाम पर नेता एक से अधिक क्वार्टर को अपने कब्जे में रखा है, जबकि इस फेहरिस्त में पुलिस, पत्रकार और दबंग किसी से पीछे नहीं हैं। सीसीएल प्रबंधन को प्रत्येक माह बिजली और पानी के मद में लाखों रूपये का नुकसान उठाना पड रहा है. यहां तक की नगर परिषद क्षेत्र में क्वार्टर का होल्डिंग टैक्स का भी भुगतान सीसीएल को करना पड़ रहा है.
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नोटिस मिलने के बाद है खलबली
सीसीएल प्रबंधन जब अवैध कब्जाधारियों को नोटिस देकर आवास खाली करने को कहा है, तब से इनलोगों के बीच खलबली मची हुई है. ये सभी नेताओं के दरबार में जाकर फरियाद कर रहे हैं कि उन्हें आवास बेदखली से बचाया जाए.