Ormanjhi: ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान पिछले 4 दशक से रांची ही नहीं अन्य राज्यों के सैलानियों के लिए भी मनपसंद पर्यटक स्थल रहा है. लोग यहां आकर अपने परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक का आनंद लेते हैं. हर साल दिसंबर से ही यहां सैलानियों की भीड़ लग जाती है. काफी दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग बिरसा जैविक उद्यान आते हैं. हर वर्ष दिसंबर-जनवरी के समय बिरसा जैविक उद्यान में पैर रखने तक की जगह नहीं होती है.
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सैलानी नहीं ले पायेंगे नये वर्ष में चिड़ियाघर का आनंद
इस वर्ष कोरोना महामारी के वजह से पिछले 9 माह से चिड़ियाघर बंद है. जिसके कारण सैलानी नये साल में चिड़ियाघर का आनंद नहीं ले पायेंगे. चिड़ियाघर के मुख्य द्वार पर नोटिस लगाया गया है. नोटिस में लिखा है कि सरकार का अगला आदेश आने तक चिड़ियाघर बंद रहेगा.
ऐसे में वैसे सैलानियों जो नये वर्ष को प्रकृति और वन्य जीवों के साथ मनाना पसंद करते हैं, उन्हें इस बार मायूसी हाथ लगने वाली है. चिड़ियाघर आस-पास लगने वाले ठेले और छोटी-छोटी दुकानें बंद पड़ी हैं. चिड़ियाघर के खुलने की उम्मीद लेकर लगभग रोज कुछ पर्यटक चिड़ियाघर के बाहर खड़े दिखते हैं. उन्हें आस-पास पूछने पर निराशा ही हाथ लगती है. कोरोना से परेशान लोगों को नये वर्ष की शुरुआत भी घर पर ही करनी होगी. सरकार के द्वारा किसी भी पार्क, चिड़ियाघर या सिनेमा हॉल खोलने की अनुमति नहीं दी गयी है.
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