Sonia Jasmin
LagatarDesk: फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रवीण कुमार जैन (छाबड़ा) ने व्यापारियों और उद्योग जगत के विकास को लेकर lagatar.in से की खास बातचीत.
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कोविड–19 के कारण छोटे व्यापारियों पर जो बुरा असर पड़ा है, उनके लिए चैंबर ऑफ कॉमर्स क्या करेगी?
कोरोना काल में उद्योग और व्यापार जगत पर काफी बुरा असर पड़ा है. खासकर छोटे व्यापारियों को फंड की कमी का सामना करना पड़ा है. छोटे उद्यमियों को पहले NBFC से आसानी से लोन मिल जाता था, लेकिन लॉकडाउन के बाद उन्हें वहां से भी लोन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. चैंबर ऑफ कॉमर्स व्यवसायी और छोटे उद्यमियों तक ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयासरत है. इसके लिए हम लगातार SLBC (स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी) से संपर्क कर अपनी बातों और समस्याओं को रख रहे हैं.
जरूरी चीजों की कीमत काफी बढ़ गई है इसपर क्या रुख रहेगा?
सामानों की कीमत, डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करती है. इसमें उतार-चढ़ान होता रहता है. सभी चीजों की कीमत, खासकर एग्री कमोडिटी की बात करें तो इस पर चैंबर ने खास ध्यान दिया है, ताकि सामानों की सप्लाई निरंतर बनी रहे.
जमाखोरी और कालाबाजारी पर काबू पाने के लिए क्या कदम उठाये हैं?
कालाबाजारी और जमाखोरी को चैंबर सपोर्ट नहीं करता है. कोई भी व्यवसायी कालाबाजारी के उद्देश्य से व्यापार नहीं करता है. चैंबर ऑफ कॉमर्स ने लॉकडाउन में झारखंड के व्यवसायियों को नियत्रंण में रखा है. कोरोना काल में सामान की उपलब्धता में कमी नहीं हुई है और न ही किसी अनावश्यक समान की कीमत बढ़ी है.
राज्य में उद्योगों के विकास के लिए योजनाएं क्या होंगी?
झारखंड के शहरों में ट्रांसपोर्ट, नगर का निर्माण, कृषि उद्योग की स्थापना, बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराना और औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का विकास कराना है. उद्यमियों को सरकारी लाभ उपलब्ध कराना, लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति में सुधार करना हमारी प्राथमिकता होगी.
चैंबर ऑफ कॉमर्स में कितने सदस्य हैं? यदि लघु व्यापारी कम हो जाये तो उसकी संख्या को बढ़ाने के लिए क्या करेंगे?
कोई भी व्यक्ति जो व्यापारी है, वह चैंबर ऑफ कॉमर्स का ही सदस्य है. झारखंड के अंदर जितने भी उद्योगपति हैं, वह भी चैंबर के ही सदस्य हैं. उनकी हर समस्याओं के समाधान के लिए फेडरेशन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष और उनकी पूरी टीम में 24 घंटे तत्पर है.
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झारखंड सरकार के साथ मिलकर उद्योगों का डाटा बेस बनाने की क्या तैयारी है?
झारखंड सरकार के साथ मिलकर चैंबर उद्योगों का डाटा बेस बनने की तैयारी कर रहा है. इससे यह पता चल सकेगा कि किन कारणों से कुछ उद्योग 10 वर्षों से बंद पड़े हैं. इनके बंद होने के पीछे क्या कारण है? साथ ही इन उद्योगों का रिवाइवल करना सरकार की जिम्मेदारी है. उद्योग जगत में चैंबर को और मजबूत बनाने का हम हर संभव प्रयास करेंगे.