Ranchi : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS में मरीजों के खाने के साथ खिलवाड़ हो रहा है. जिस पौष्टिक खाने के बूते मरीजों को हेल्दी बनाने की कोशिश की जाती है उसके साथ RIMS प्रबंधन लापरवाही बरत रहा है. यहां मरीज की जरूरत के हिसाब से पौष्टिकता का चार्ट बनाने की जिम्मेदारी मेडिसीन पर शोध और सर्वे करने वाले डॉक्टर को दे दी गई है. वहीं इसकी एक्सपर्ट रही एक मात्र डायटीशियन को पढ़ाने की जिम्मेदारी दे दी गई है.
मरीजों के हेल्दी फूड के साथ लापरवाही बस यहीं समाप्त नहीं हो रही है. मरीजों के लिए जरूरी न्यूट्रिसियंस, कैल्सियम, विटामिन, ग्लूकोज व अन्य जरूरी चीजों का ख्याल रख तैयार किया जाने वाले डाइट कोई डायटीशियन नहीं बल्कि किटन मॉनिटिरिंग कमेटी बना रही है. अब इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि मरीजों का मेन्यू किस स्तर पर तैयार किया गया होगा.
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अब मरीजों के मेन्यू तैयार करने वालों को जान लीजिए
हर अस्पताल में अलग-अलग जरूरत के मरीज भर्ती होते हैं. इनकी जरूरत और जरूरी पोषण के हिसाब से ही इनका डाइट चार्ट तैयार किया जाता है. ताकि खाने के साथ इन्हें जरूरी पोषक तत्व मिल सके. इसके लिए अस्पताल में डायटीशियन की नियुक्ति की जाती है. डाइट बनने के लिए डाइटिक्स में डिप्लोमा होना जरूरी है. RIMS में ऐसी एक मात्र डॉ. मीनाक्षी थीं, उन्हें भी प्रबंधन की तरफ से हटा दिया गया है.
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RIMS एक मरीज के डायट पर रोज 129 रुपए खर्च करता है
अभी RIMS में मरीजों को रोज सुबह 6 बजे चाय-बिस्किट, नाश्ता, दोपहर का भोजन, शाम को स्नैक्स और रात्रि का भोजन दिया जाता है. सुबह की चाय और शाम के स्नैक्स को हाल ही में शामिल किया गया है. खाने के लिए रिम्स प्रबंधन 129 रुपये प्रति मरीज प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
भोजन पर डिपेंडेंट रहता है दवा : डॉ. अनिल
RIMS में 1500 से अधिक मरीज विभिन्न वार्ड में भर्ती हैं. इनमें सबसे अधिक संख्या न्यूरो व मेडिसिन विभाग में मरीजों की है. जहां जल्दी स्वस्थ होने में मरीजों का डाइट खास महत्व रखता है. डॉ अनिल कुमार बताते हैं कि मरीजों को दवा भोजन पर ही निर्भर है. जितना पौष्टिक भोजन होगा, दवा भी उसी के आधार पर काम करेगी. मरीजों की गंभीर हालत देखकर ही उसका डायट तैयार किया जाता है ताकि मरीज जल्द स्वस्थ होकर घर लौट सके.
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प्रबंधन का जवाब जान लीजिए, डायटीशियन का प्रभार में है, लेकिन बेहतर हैं
RIMS के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ डीके सिन्हा बताते हैं कि डाइटीशियन का प्रभार पीएसएम विभाग की प्रो डॉ शालिनी सुंदरम को दिया गया है. वह डायटीशियन नहीं है. लेकिन इस काम को वे बेहतर तरीके से देख रही हैं. उन्होंने बताया कि जब तक डायटीशियन की नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक प्रभार चलेगा. इससे मरीजों को कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने बताया कि पहले जो डायटीशियन थी अब वह पढ़ा रही हैं.
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