Ranchi: साहिबगंज की महिला पुलिस अधिकारी रूपा तिर्की की मौत के मामले में नया मोड़ आया है. इस मामले में अब विधायक बंधु तिर्की का नाम आया है. बंधु तिर्की मांडर से कांग्रेस के विधायक हैं. उनपर आरोप लग रहा है कि उन्होंने रूपा तिर्की के परिवार वालों से मुलाकात की और प्रलोभन दिया. ताकि उसके परिजन मामले की सीबीआई जांच की मांग ना करे. बताया जा रहा है कि विधायक बंधु तिर्की ने कई तरह का लाभ दिलाने का प्रलोभन रूपा तिर्की के परिजनों को दिया.
हाईकोर्ट के आदेश पर साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच CBI कर रही है. साहिबगंज में मामले की जांच करने के बाद सीबीआई की टीम रांची में कैंप कर रही है और बीते दिन रातू थाना क्षेत्र स्थित रूपा तिर्की के परिवार वालों से पूछताछ की थी. सीबीआई ने रूपा के पिता देवानंद उरांव, बहन उर्मिला उरांव समेत अन्य परिजनों का बयान ले चुकी है. इस मामले की जांच के दौरान सीबीआई को कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की का ऑडियो मिला है.
जानकारी के अनुसार, विधायक बंधु तिर्की बीते 10 जून को रूपा तिर्की के परिजनों से मिलने उनके घर गए थे. इस दौरान बंधु तिर्की ने परिजनों को न्यायिक जांच से संतुष्ट होने के लिए मना रहे थे. जिसमें सम्मानजनक राशि, नौकरी और पेट्रोल पंप दिलाने की बात कर रहे थे. जानकारी के अनुसार ऑडियो में बंधु तिर्की बोल रहे हैं,कि मेरी हार्दिक इच्छा है, मामले पर न्याय हो, साथ ही सरकार क्षतिपूर्ति भी दे. परिजनों को मुख्यंमंत्री से मिलने के लिये भी सहमत करते सुने गये. इस पूरे मामले में बंधु तिर्की का पक्ष लेने के लिए लगातार न्यूज के संवाददाता ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की.
इस बारे में बंधु तिर्की ने लगातार न्यूज़ को बताया कि मैं रूपा तिर्की के घर गया जरूर था. लेकिन मेरा उद्देश्य रूपा के परिवार वालों को कोई प्रलोभन देना नहीं था. साथ ही बंधु तिर्की ने कहा कि मैं तो चाहता था कि इस केस की जांच हो परिवार को मुआवजा भी मिले.उन्होंने कहा कि मैं ही वह पहला व्यक्ति हूं, जिसने सीएम हेमंत सोरेन को इस केस की जांच के लिए पत्र लिखा था.
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सीबीआई की फॉरेंसिक टीम ने घटना को किया रीक्रिएट
रूपा तिर्की की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए सीबीआई की फॉरेंसिक टीम दिल्ली-फरक्का एक्सप्रेस ट्रेन से गुरुवार ( 16 सितंबर) को साहिबगंज पहुंची थी. जिसके बाद फॉरेंसिक टीम के द्वारा मजिस्ट्रेट संजय कुमार की देखरेख में रूपा तिर्की के सील बंद कमरे को खोला गया. फॉरेंसिक टीम जिला प्रशासन से करीब चार अन्य लोगों, जिसमें एई और जेईई को भी शामिल किया गया था. इस टीम में रूपा तिर्की की मौत के बाद सबसे पहले वहां पहुंचने वाले और देखने वाले पुलिसकर्मी को भी साथ में रखा गया था. फॉरेंसिक टीम के द्वारा सबसे पहले क्वार्टर का दिशा यंत्र चालित मशीन से निरीक्षण किया गया. उसके बाद टीम ने बंद कमरे को खोलकर घटना को रीक्रिएट किया था.
तीन मई को बरामद हुआ था शव
पुलिस लाइन स्थित गंगा भवन सरकारी क्वार्टर में US-1 में संदिग्ध अवस्था में रूपा तिर्की का शव तीन मई को बरामद हुआ था. सीबीआई के द्वारा इस केस से जुड़े 6 से अधिक लोगों को चिन्हित कर उसके क्वार्टर के आसपास के लोगों से पूछताछ की गयी थी. गौरतलब है कि रूपा तिर्की मौत मामले में एक सितंबर को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने सीबीआई को अविलंब केस लेकर जांच करने का निर्देश दिया था. सीबीआई ने इस मामले में कांड संख्या आरसी 0922021S0002 मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है.
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