Ranchi: फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्डस्ट्रीज की वार्षिक चुनाव सोमवार से है. इस बार चुनाव तीन दिवसीय है. 26 से 28 सितंबर तक चुनाव होगा. इसी क्रम में शनिवार को चैंबर की आमसभा हुई. जिसमें चैंबर के वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट पेश की गयी. चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने अपने कार्यकाल की जानकारी दी और सदस्यों को धन्यवाद दिया. छाबड़ा ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के कारण सभी जिलों में दौरा करने की योजना को मूर्तरूप नहीं दिया जा सका. हालांकि इस दौरान सभी जिलों के चैंबर ऑफ कॉमर्स से परस्पर समन्वय बनाकर स्टेकहोल्डर्स की समस्याओं का निष्पादन कराया गया. कार्यकाल के आरंभ में डालटनगंज, गिरिडीह में बैठकों के साथ ही देवघर में 11 चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ क्षेत्रीय अधिवेशन का सफल आयोजन किया गया.
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औद्योगिक गतिविधि धीमी
छाबडा ने कहा कि रिसोर्स बेस्ड इकॉनोमी होने के बावजूद 21 वर्षों में झारखंड में औद्योगिकीकरण की रफ्तार काफी धीमी है. जिसका मुख्य कारण विभागीय उदासीनता रही है. सही मायने में यदि सरकार राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए इच्छुक हो, तब स्थानीय स्टेकहोल्डर्स से नियमित संवाद की परंपरा को विकसित करना होगा. कार्यकाल की मुख्य उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान औद्योगिक नीति और इथेनॉल पॉलिसी पर फेडरेशन से सुझाव आमंत्रित किये हैं. संताल परगना में भूमि दस्तावेजों के साथ लग रहे एलपीसी को हटाने की फेडरेशन की पुरानी मांग पर बसौडी जमीन से एलपीसी की बाध्यता को हटाने में सफलता प्राप्त हुई. आनेवाली नई कार्यकारिणी समिति शीघ्र ही सभी जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ राज्यस्तरीय बैठक का आयोजन कर, उद्यमियों की अन्य समस्याओं के समाधान का प्रयास आरंभ करें.
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