LagatarDesk: कोरोना काल के कारण देश की अर्थव्यवस्था काफी प्रभावित हुई है. केंद्र सरकार ने जब लॉकडाउन हटाया, तब जाकर इकोनॉमी में सुधार देखने को मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि साल 2021 में भारत दुनिया का सबसे अधिक ग्रोथ वाला देश होगा. इसी तरह कई रेटिंग एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि भारत वित्त वर्ष 2021-22 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश होगा.
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11.5 फीसदी हो सकती है ग्रोथ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2021 में भारतीय इकोनॉमी में करीब 11.5 फीसदी यानी दो अंकों की बढ़त होने का अनुमान लगाया है. इसी तरह अन्य रेटिंग एजेंसियों ने यह अनुमान जाहिर किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत में 8 से 10 फीसदी की तेज बढ़त हो सकती है. मूडीज ने वित्त वर्ष 2021-22 में 10.6 से 10.8 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान लगाया है.
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GDP में तेज बढ़त की क्या होगी वजह
भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021-22 में तेज बढ़त की वजह क्या हो सकती है. इस बढ़त की मुख्यत: दो वजह होगी- 1. बेस इफेक्ट 2. मोदी सरकार के अच्छे कदम हो सकते हैं.
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बढ़त के बाद भी दो साल पीछे रहेगा भारत
अब इसी से यह समझते हैं कि देश दो साल पीछे कैसे जायेगा. वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की GDP करीब 145.66 लाख करोड़ रुपये की थी. साल 2020-21 में करीब 10 फीसदी की गिरावट अगर होगी तो इसका मतलब है कि इस साल GDP 131 लाख करोड़ रुपये रह जायेगी.
यदि अगले साल 10 फीसदी की बढ़त होगी तो GDP फिर बढ़कर करीब 144 लाख करोड़ रुपये होगी. यानी पिछले 20 साल के आंकड़े से यह कम ही रहेगा. दुनिया में सबसे तेज बढ़तोरी के बावजूद भारत की GDP दो साल पीछे ही रहेगी.
भारत में GDP में बढ़त की दूसरी वजह
GDP में बढ़त की दूसरी कारण यह माना जा रहा है कि कोरोना काल में भी मोदी सरकार ने इकोनॉमी को संभालने के लिए कई अच्छे कदम उठाये हैं. भारत ने कोरोना का टीकाकरण अभियान शुरू किया है. इकोनॉमी को खोलने के लिए भी कई प्रयास किये गये. सरकार द्वारा कई राहत पैकेज भी दिये गये. सरकार आगामी बजट में बुनियादी ढांचे के विकास, निवेश और परेशान सेक्टर को राहत देने पर जोर दे सकती है. इन सबकी वजह से अगले वित्त वर्ष में तेज बढ़त हो सकती है.