New Delhi: हाल के कुछ दिनों में किसान आंदोलन को कवर कर रहे फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया खासे चर्चा में हैं. दिल्ली की एक अदालत ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार किए गए फ्रीलांस पत्रकार मनदीप पूनिया को मंगलवार को जमानत दे दी. उन्हें दिल्ली पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था.
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पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सतबीर सिंह लाम्बा ने पूनिया की जमानत मंजूर करते हुए इस पूरे मामले पर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. सतबीर सिंह ने कहा कि शिकायतकर्ता, पीड़ित और गवाह सिर्फ पुलिसकर्मी ही हैं, ‘इसलिए इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी/प्रार्थी किसी पुलिस अधिकारी को प्रभावित कर सकता है.’ जज ने एफआईआर दर्ज करने में लगभग सात घंटे की देरी को लेकर भी नाराजगी जताई.
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सरकारी कामकाज में बाधा डालने के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में पूनिया को रविवार को गिरफ्तार किया गया था. पूनिया के खिलाफ आईपीसी की धारा-186 (सरकारी कर्मचारी के कामकाज में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य पालन से रोकने के लिए उस पर हमला करना या उस पर आपराधिक बल प्रयोग करना) और 332 (सरकारी कर्मचारी को उसकी ड्यूटी से रोकने के लिए उसे स्वैच्छिक रूप से चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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पूनिया के गिरफ्तारी के बाद बढ़ी लोकप्रियता
पूनिया के गिरफ्तारी के खिलाफ सैकड़ों की संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकारों ने आवाज उठाई. सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में रिलीज मनदीप पूनिया के नाम से हैशटैग चलाया गया. जिसके के बाद सोशल मीडिया पर पूनिया के फॉलोअर की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
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