New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए आईआईटी स्नातकों से देश की आवश्यकताओं को पहचानने और जमीनी स्तर पर हो रहे बदलावों के साथ जुड़ने को कहा है. प्रधानमंत्री ने उनसे आत्मनिर्भर भारत के बारे में आम लोगों की आकांक्षाओं को भी पहचाने की अपील की. प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईआईटी दिल्ली के 51वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को आज मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
आत्मनिर्भर अभियान एक मिशन की तरह
2000 से अधिक आईआईटी छात्रों को उनके दीक्षांत समारोह पर बधाई देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर अभियान एक मिशन है जो देश के युवाओं, टेक्नोक्रेट्स और तकनीकी-उद्यम अधिनायकों को अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि आज टेक्नोक्रेट्स के विचारों और नवाचारों को स्वतंत्र रूप से लागू करने और उन्हें आसानी से बाजार में लाने के लिए अनुकूल वातावरण बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आज का भारत अपने युवाओं को कारोबार करने में आसानी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि हाल के दिनों में लगभग हर क्षेत्र किए गए व्यापक सुधारों के पीछे भी यही विचार प्रक्रिया है.
भारत में कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत उन देशों में शामिल है, जहां कॉर्पोरेट टैक्स सबसे कम है. स्टार्ट-अप इंडिया अभियान के बाद से भारत में 50 हजार से अधिक स्टार्टअप शुरू हो चुके हैं. उन्होंने पिछले पांच वर्षों में देश में पेटेंट की संख्या में 4 गुना वृद्धि, ट्रेडमार्क पंजीकरण में 5 गुना वृद्धि जैसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के संबंध में सरकार के प्रयासों के परिणाम को सूचीबद्ध किया. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में 20 से अधिक भारतीय इकाइयां स्थापित की गई हैं और इस संख्या में अगले एक या दो वर्षों में और वृद्धि होगी.
प्रधानमंत्री ने छात्रों को उनके कार्यस्थल के लिए चार मंत्र दिए-
- गुणवत्ता पर ध्यान दें, कभी समझौता न करें.
- मापनीयता सुनिश्चित करें, अपने नवाचारों का व्यापक स्तर पर उपयोग करें.
- विश्वसनीयता सुनिश्चित करें, बाजार में दीर्घकालिक विश्वास का निर्माण करें.
- अनुकूलनशीलता लाएं, जीवन के एक मार्ग के रूप में बदलाव और अनिश्चितता को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें.
उन्होंने कहा कि इन मूल मंत्रों पर कार्य करने से एक पहचान के साथ-साथ ब्रांड इंडिया भी उज्जवल होगा, क्योंकि छात्र भारत के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों के कार्य से देश के उत्पाद को वैश्विक पहचान मिलेगी और देश के प्रयासों में तेजी आएगी.