Ranchi: रविवार को मजार पर चादरपोशी के साथ ही रिसालदार बाबा का सालाना पांच दिवसीय उर्स शुरू हो गया. सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए जैप के जवानों ने हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार बाबा पर उर्स के चौथे दिन चादर पोशी की परंपरा रही है कि जैप-वन की सरकारी चादर चढऩे के बाद ही बाबा की मजार पर आमलोग चादर चढ़ाते हैं. हालांकि इस बार कोरोना के कारण उर्स का मेला नहीं लगाया जा रहा है.
प्रसिद्ध है डोरंडा का उर्स मेला
डोरंडा स्थित हजरत (कुतुबउद्दीन शाह) रेसालदार बाबा की राजधानी में काफी मान्यता है, और प्रत्येक वर्ष धूमधाम से यहां लगने वाला उर्स का मेला भी काफी प्रसिद्ध है. प्रत्येक वर्ष होने वाली कव्वाली को देखने के लिए भी लोगों की काफी भीड़ लग जाया करती थी. लेकिन इस बार कोरोनो के कारण वैसा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है.
सभी धर्मों के श्रद्धालु पहुंचते हैं मजार
उर्स के दौरान विभिन्न धर्मों के श्रद्धालु दरगाह पहुंच कर श्रद्धा व्यक्त करते हैं और मन्नतें मांगते हैं. राज्यपाल और राज्य सरकार के अलावे जैप वन और बीएमपी के जवानों द्वारा विशेष रुप से मज़ार पर चादरपोशी की जाती रही है. इस अवसर पर पुलिस के जवान दरगाह परिसर में सलामी पेश करते हैं.