Ranchi: रांची के लाइट हाउस प्रोजेक्ट का 40% काम कंप्लीट हो चुका है. धुर्वा में एलएचपी के तहत 1008 अफोर्डेबल फ्लैट बनाए जा रहे हैं. 8 ब्लॉक में निर्माण का काम चल रहा है. केंद्रीय शहरी और आवासन मंत्रालय के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. DMA डायरेक्टर राजेश पाठक ने उम्मीद जताई है कि दिसंबर 2022 से पहले तक लाइट हाउस प्रोजेक्ट कंप्लीट हो जाएगा. वहीं रांची नगर निगम के जरिए 1521 फ्लैट बुक करने के लिए आवेदन दिया है. रजिस्ट्रेशन कराने वालों से डॉक्यूमेंट ले लिया गया है. अब जून में लॉटरी निकाली जाएगी. जिन लाभुकों की लॉटरी लगेगी उन्हें एलएचपी में आवास आवंटित किया जाएगा.
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लक्ष्य से 1 साल देर से कंप्लीट होगा प्रोजेक्ट
1 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइट हाउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. 1 साल के अंदर प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने का लक्ष्य था. लेकिन शिलान्यास के बाद स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कई बार काम को बंद करना पड़ा. आखिरकार 15 जून को सारी समस्याओं को खत्म करके काम शुरू हुआ. 1 साल के लक्ष्य के हिसाब से देखें तो जून 2022 तक लाइट हाउस कंप्लीट हो जाना चाहिए, वहीं काम शुरू होने में भी 6 महीने लेट हुआ था. कुल मिलाकर प्रोजेक्ट लक्ष्य से 1 साल देर से कंप्लीट होगी.
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8 ब्लॉक में बन रहे हैं 14 मंजिला टावर
गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के तहत पूरा कारपेट एरिया 34.50 वर्ग मीटर में है. इसमें 14 मंजिला टावर बनाए जा रहे हैं. कुल 1,040 फ्लैट तैयार होंगे, हर फ्लैट 415 वर्ग फुट का होगा. लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबॉल स्टेडियम भी बनाया जाएगा साथ ही साथ एक कम्युनिटी हॉल का भी निर्माण कराया जा रहा है.
एक फ्लैट की लागत 13 लाख 19 हजार
लाइट हाउस में रांची नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले उन लोगों को घर दिया जाएगा, जिनके पास घर नहीं है. साढ़े पांच एकड़ क्षेत्रफल में बनने वाले फ्लैट्स नई तकनीक वाले होंगे. एक फ्लैट की लागत 13 लाख 29 हजार है. लाभुक को एक फ्लैट के लिए 6.79 लाख रुपये ही देने होंगे. बाकी बचे 6.50 लाख रुपये सरकार सब्सिडी के रूप में देगी.
LHP पीएम मोदी का है ड्रीम प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को झारखंड सहित देश के 6 राज्यों में चल रहे लाइट हाउस प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा की थी. इस दौरान झारखंड में देर से शुरू हुए लाइट हाउस प्रोजेक्ट की प्रगति के बारे में पीएम मोदी को ड्रोन कैमरे से जमीनी हकीकत की जानकारी दी गई थी. निर्माणाधीन इस परियोजना के ऑनलाइन समीक्षा के दौरान एक साल के अंदर फ्लैट तैयार करने की बात कही गई थी. झारखंड में काफी देर से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के साथ दुखद पहलू यह है कि झारखंड के अपेक्षा अन्य 5 राज्यों गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और उत्तर प्रदेश में यह प्रोजेक्ट काफी आगे है.
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