Colombo : श्रीलंका में हालात बद से बदतर हो चुके हैं. इसी बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार को कहा कि मैं श्रीलंकाई एयरलाइंस के निजीकरण करने का प्रस्ताव करता हूं, जो इस समय घाटे में चल रही है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य संकटग्रस्त देश को बचाना है. उन्होंने श्रीलंका के लोगों को बताया है कि दैनिक बिजली कटौती दिन में 15 घंटे तक बढ़ सकती है और सिर्फ एक दिन के लिए पेट्रोल का स्टॉक देश के पास बचा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी एयरलाइंस का जल्द ही निजीकरण किया जाएगा, क्योंकि इसका घाटा अभी बहुत बढ़ गया है. यह घाटा उन लोगों को सहना पड़ रहा है, जो शायद कभी हवाई जहाज में चढ़े भी नहीं होंगे.
हमारी जिंदगी और मुश्किल में होगी
विक्रमसिंघे ने देश की जनता को चेताते हुए कहा है कि आने वाले कुछ महीनों में हमारी जिंदगी और मुश्किल में होगी. मैं किसी सच को छिपाना और जनता से झूठ नहीं बोलना चाहता हूं. हालांकि ये बातें डरावनी हैं लेकिन सच्चाई अब यही है. हालांकि श्रीलंका के पीएम ने विदेशी मदद की भी उम्मीद जताई है.
नुकसान 45 बिलियन श्रीलंकाई रुपये के पार
दरअसल, श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री ने इशारों इशारों में देश की जनता को यह बता दिया है देश इस समय पाई-पाई को मोहताज है और इसे हल करने में काफी समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि अकेले 2020-21 का नुकसान 45 बिलियन श्रीलंकाई रुपये के पार है. एयरलाइंस के निजीकरण का प्रस्ताव देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक नुकसान है लेकिन हमें इसे सहन करना होगा. क्योंकि उनका उद्देश्य संकटग्रस्त देश को बचाना है. रानिल विक्रमसिंघे ने टीवी के माध्यम से देश को संबोधित करते हुए कहा कि उनका पहला मकसद देश को बचाना है न कि किसी व्यक्ति, परिवार या समूह को. उनका इशारा पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार की ओर था.
पेट्रोल का स्टॉक खत्म होने के कगार पर
श्रीलंकाई पीएम ने कहा कि हम कई गंभीर चिंताओं का सामना कर रहे हैं. लंबी लंबी कतारों को आसान बनाने के लिए हमें अगले कुछ दिनों में लगभग 75 मिलियन अमरीकी डॉलर प्राप्त करने होंगे. फिलहाल हमारे पास सिर्फ एक दिन के लिए पेट्रोल का स्टॉक है. हाल ही में आए डीजल शिपमेंट से डीजल की कमी कुछ हद तक दूर हो जाएगी. इसके बावजूद भी यह नाकाफी साबित हो सकता है.
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बिजली कटौती बढ़ाई जाएगी, गैस का भी संकट
उन्होंने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि एक चौथाई बिजली तेल से पैदा होती है, इसलिए संभावना है कि दैनिक बिजली कटौती दिन में 15 घंटे तक बढ़ जाएगी. हालांकि हमने इस संकट को टालने के लिए कुछ पैसा प्राप्त कर लिया है. इसी प्रकार उपभोक्ताओं को गैस उपलब्ध कराने के लिए हमें तुरंत 20 मिलियन अमरीकी डालर प्राप्त करना चाहिए.
वैकल्पिक बजट पेश करने की योजना
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि हमने 2022 के प्रस्तावित विकास बजट के लिए एक नया वैकल्पिक बजट पेश करने की योजना बनाई है. इसे रियायती बजट के रूप में पेश करने का इरादा है. अल्पावधि में मुद्रास्फीति बढ़ने की भी संभावना है. इसके साथ ही हमें सरकारी वेतन का भुगतान करने के लिए पैसे प्रिंट करना जारी रखना होगा और आवश्यक जरूरतों के लिए भुगतान भी करना होगा.
दवा के लिए तत्काल भुगतान करने की जरूरत
श्रीलंका में दवाओं की कमी काफी समय से है लेकिन अब प्रधानमंत्री का कहना है कि हमें दवा के लिए तत्काल भुगतान करने की जरूरत है. साथ ही 14 आवश्यक दवाओं की कमी है. फिलहाल प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकों में डॉलर की कमी के कारण सरकार अब आवश्यक धन जुटाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है.
श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहा
गौरतलब है कि 1948 से श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहा है. श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो गया है जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार से जरूरी सामान नहीं खरीद पा रहा है. इसकी वजह से न तो उसके पास पेट्रोल बचा है और कुकिंग गैस. वहीं बिजली कटौती और बढ़ती महंगाई ने श्रीलंका में आम लोगों का जीना दूभर हो गया है.
राजनीतिक संकट भी बढ़ गया है
आर्थिक संकट के साथ ही श्रीलंका में राजनीतिक संकट भी बढ़ गया है. महिंदा राजपक्षे के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है. वहीं उन्होंने रानिल विक्रमसिंघे को नया पीएम बना दिया बता दें कि पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे में रिश्ते में भाई हैं.
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