Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कुछ नेता पिछले चार दिनों से दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं. दिल्ली गये सभी नेता कमोवेश AICC के हर शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर रहे है. माना जा रहा है कि वे “एक व्यक्ति-एक पद” की बात कहकर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष को बदलना चाहते है. इसके लिए वे दिल्ली दरबार में प्रदेश अध्यक्ष की शह पर पार्टी में बढ़ती गुटबाजी का हवाला दे रहे है.
दिल्ली पहुंचे नेता कह रहे हैं कि एक विशेष गुट को जैसा बढ़ावा प्रदेश अध्यक्ष दे रहे हैं. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है. लेकिन देखा जाए, तो इस पूरे खेल के पीछे की राजनीति कुछ और ही है. इसके पीछे की असली वजह विधानसभा चुनाव-2019 के ठीक पहले पार्टी छोड़कर दूसरे दल में गये एक पूर्व दिग्गज कांग्रेसी को वापस लाने की पृष्ठभूमि करना बताया जा रहा है.
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लोहरदगा राजनीति से जुड़ा है प्रदेश कांग्रेस की राजनीति का तार
प्रदेश कांग्रेस में इन दिनों जो अंदरूनी राजनीति चल रही है, उसका सीधा तार लोहरदगा की राजनीति से जुड़ा है. लड़ाई की असली वजह इस जिले में विशेष प्रभाव रखने वाले दो नेता को ही माना जा रहा है. इसमें एक वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष (अभी वे कांग्रेस से निष्कासित है). निष्कासित नेता को वापस पार्टी में लाने में सबसे बड़ा रोड़ा स्वयं वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष ही है.
लेकिन छवि तो प्रदेश अध्यक्ष की ही हो रही है खराब
पार्टी मुख्यालय में बैठने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि भले ही प्रदेश अध्यक्ष के शह पर कुछ नेताओं को बढ़ावा मिल रहा हो. लेकिन इससे छवि तो उनकी खराब हो रही है. इसी छवि को खराब कर पार्टी नेता निष्कासित कांग्रेसी को वापस लाने की पृष्ठभूमि तैयार कर रहे हैं.
निष्कासित नेताओं ने दिया वापसी का आवेदन, डॉ उरांव बने हैं रोड़ा
बता दें कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दो पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने दूसरे दल का दामन थामा था. हालांकि बीते वर्ष अक्टूबर-2020 को उन्होंने कांग्रेस में वापस आने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को आवेदन भी दिया है. उस वक्त कहा गया था कि जल्द ही आलाकमान इनकी वापसी पर मुहर लगा सकती है. लेकिन यह अब तक नहीं हो सका है. सूत्रों का कहना है कि लोहरदगा की राजनीति में विशेष प्रभाव रखने वाले डॉ रामेश्वर उरांव इसमें सबसे बड़े रोड़ा बने हुए है.
वहीं दोनों नेताओं के आवेदन देने की पुष्टि करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा था कि झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह के माध्यम से केंद्रीय नेतृत्व के पास इनकी कांग्रेस में वापसी का प्रस्ताव भेजा गया है. राजेश ठाकुर ने यह भी कहा था कि अगर इनकी वापसी होती है तो पार्टी को मजबूती मिलेगी.
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