Adityapur (Sanjeev Mehta) : कन्हैया सिंह हत्याकांड के हत्यारों को पकड़ने के लिए जिले के एसपी आनंद प्रकाश ने एसडीपीओ सरायकेला हरविंदर सिंह के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है. इसमें जिले के सरायकेला, गम्हरिया, आदित्यपुर, आरआईटी, खरसावां और दलभंगा ओपी के थाना प्रभारी शामिल हैं. घटना के बाद शक के आधार पर हिरासत में लिए गए अंगरक्षक से पूछताछ के बाद उन्हें पूर्व विधायक के कहने पर छोड़ दिया गया है. हालांकि उसके मोबाइल का सीडीआर ट्रैक किया जा रहा है. प्राथमिक अनुसंधान में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. कुछ सीसीटीवी फुटेज और पूर्व विधायक के बयान के अलावा अन्य बिंदुओं पर तफ्तीश चल रही है. सूत्रों के अनुसार पुलिस बॉडीगार्ड के बताए हुलिया के आधार पर अपराधियों का स्केच बनवाने की तैयारी कर रही है. साथ ही डीवीआर और एक्टिव मोबाइल लोकेशन भी ट्रैस किया जा रहा है. इसको लेकर गुरुवार को जिले के एसपी, एसडीपीओ हेड क्वार्टर, डीएसपी सहित तमाम एसआईटी के पदाधिकारी घटनास्थल के इर्द-गिर्द छानबीन करते नजर आए.
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आखिर क्यों हो रही पुलिस तंत्र विफल
आदित्यपुर में लगातार हो रही हत्याओं के पीछे गैंगवार और ब्राउन शुगर के धंधे में एकाधिकार की बातें सामने आती रही है. पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है. कन्हैया सिंह की हत्या के बाद घटनास्थल पर न तो फोरेंसिक टीम पहुंची, न ही डॉग स्क्वायड को बुलाया गया. मतलब साफ है कि जिला पुलिस के पास ऐसे संसाधन मौजूद नहीं हैं. तकनीक के दौर में मानवीय तंत्रों के आधार पर जांच पुलिस की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर रही है. इसका जीता जागता उदाहरण सतबहनी दुर्गा पूजा मैदान के समीप 7 जून को हुए ट्रिपल मर्डर मामले के मुख्य अभियुक्त गैंगस्टर संतोष थापा और गोप बंधु हत्याकांड के नामजद आरोपी सुभाष प्रामाणिक और रोहित मिश्रा की अब तक गिरफ्तारी नहीं होना है.