Ranchi : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में राज्य के स्थापना दिवस व भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर 2020 को राज्य के सभी झारखंड आंदोलनकारी उपवास करेंगे. झारखंड आंदोलनकारी अपने-अपने जिलों व प्रखंडों में महापुरुषों के प्रतिमा के समक्ष उपवास करेंगे और झारखंड के 1-1 आंदोलनकारियों को मान-सम्मान, पहचान, पेंशन एवं सभी राजकीय सुविधाएं दिलाने का संकल्प लेंगे. उपवास कार्यक्रम को लेकर प्रखंड एवं जिलों में झारखंड आंदोलनकारी अपने-अपने तरीके से तैयारियां पूरी कर लिये हैं. बैनर, पोस्टर वगैरह भी तैयार हो चुकी हैं.
इस उपवास कार्यक्रम के आरंभ में लोहरदगा के सुका टाना भगत, तलत महमूद, बोकारो के राजेंद्र महतो, रांची के वसीर अहमद, गुमला की निर्मला सिन्हा एवं गिरिडीह के अखिल चंद्र महतो के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए 2 मिनट का मौन धारण करेंगे, प्रार्थना करेंगे, विनती कर श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी.
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14 सूत्री मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र प्रेषित करेंगे
उक्त कार्यक्रम की जानकारी देते हुए झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रधान महासचिव अजीत मिंज ने बताया कि झारखंड आंदोलनकारियों को कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करते है. उन्हें निरंतर अपने मान-सम्मान, पहचान, पेंशन एवं सभी राजकीय सुविधाओं के लिए एक संघर्ष करना पड़ता है. मोर्चा के लोगों का मानना है कि राज्य में एक हूल-उलगुलान करना जरूरी हो गया है. आज झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान ही नहीं, बल्कि झारखंड आंदोलनकारी ही मिट रहे हैं.
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