Mumbai : मुंबई पुलिस ने फोटोशूट मामले में सोमवार को अभिनेता रणवीर सिंह का बयान दर्ज किया. रणवीर सिंह ने कुछ दिन पहले एक मैगजीन के लिए फोटोशूट करवाया था. ये फोटोशूट उन्होंने बिना कपड़ों के करवाया था, जिसकी वजह से वह कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा बन गए थे. रणवीर का ये फोटोशूट कुछ लोगों को बिल्कुल पसंद नहीं आया था, जिसकी वजह से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. मुंबई पुलिस ने रणवीर सिंह को 30 अगस्त को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था. लेकिन रणबीर सिंह आज सुबह 7.30 बजे पुलिस स्टेशन पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया. करीब 2 घंटे तक रणवीर सिंह का बयान दर्ज हुआ.
दो बार पुलिस ने भेजा था समन
पुलिस सूत्रों के मुताबिक रणवीर सिंह अपने आपको निर्दोष बता रहे थे. रणवीर ने कहा- उन्हे इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह से एक फोटोशूट उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देगा. उनका मकसद किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था. फोटोशूट केस में दो बार पुलिस ने रणवीर को समन भेजा था, लेकिन वो नॉट रिचेबल थे, लेकिन आज सुबह रणवीर अपनी लीगल टीम के साथ चेम्बूर पुलिस स्टेशन पहुंचे. दो घंटे तक उनका पुलिस द्वारा स्टेटमेंट दर्ज किया गया. इस दौरान पुलिस ने रणवीर से कई सवाल पूछे, मसलन, न्यूड फोटोशूट का कॉन्ट्रेक्ट किस कंपनी के साथ था. कब और कहा कराया फोटोशूट. इस तरह के शूट से लोगों की भावना आहत हो सकती है, इसकी जानकारी आपको थी क्या? आगे भी जांच में सहयोग करेंगे, ऐसा रणवीर सिंह और उनकी टीम द्वारा पुलिस को कहा गया.
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दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है
एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के पदाधिकारी की शिकायत के आधार पर चेंबूर थाने में रणवीर सिंह के खिलाफ पिछले महीने एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने रणवीर को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने को कहा था. अधिकारी ने बताया कि अभिनेता सोमवार सुबह सात बजे जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुए और अपना बयान दर्ज करवााया. रणवीर सुबह करीब साढ़े नौ बजे थाने से निकले. जरूरत पड़ने पर अभिनेता को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, रणवीर सिंह ने अपने जवाब में कहा कि वह निर्दोष हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा कि उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह का फोटोशूट उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देगा. उनका मकसद कभी भी किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था. उन्होंने पुलिस को आश्वासन दिया गया है कि वह जांच में सहयोग करेंगे.
NGO के पदाधिकारी ने लगाया था आरोप
एनजीओ के एक पदाधिकारी ने शिकायत में आरोप लगाया था कि ‘‘अभिनेता ने अपनी तस्वीरों से महिलाओं की भावनाओं को आहत किया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई है.” शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (अश्लील किताबों आदि की बिक्री), 293 (युवाओं को अश्लील सामग्री की बिक्री), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से कोई शब्द कहना, इशारा करना या किसी कृत्य को अंजाम देना) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी.
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