Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय पूरे राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन शुरु करेंगे. जिसकी शुरुआत आगामी 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन रांची में होगी. “भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिनिधि सम्मेलन” में पुरे राज्य के सभी विधानसभा से सामान्य विचारधारा के पांच-पांच लोगों को 11 अक्टूबर को राची आमंत्रित किया गया है. इसकी जानकारी बुधवार को विधायक सरयू राय ने अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने बताया कि आमंत्रित प्रतिनिधियों की सहभागिता पंजीकरण के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए प्रतिनिधियों के पंजीकरण की शुरुआत हो चुकी है. विधायक ने इसके लिए एक मोबाइल नंबर (8877537777) जारी किया है. जिसपर मिसकॉल अथवा व्हाट्सएप भेजकर पंजीयन करा सकते हैं. पंजीयन जारी है. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में भ्रष्टाचार विरोधी दीर्घकालिक अभियान चलाने पर विमर्श होगा और कार्यक्रम तय किये. जेपी आंदोलन की चर्चा करते हुए विधायक ने कहा कि 48 साल पहले बिहार में एक छात्र आंदोलन हुआ था. तब झारखंड बिहार का ही हिस्सा था. उक्त आंदोलन के प्रमुख मुद्दे भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और कुशिक्षा आदि थे. उस समय जयप्रकाश नारायण की अगुआई में तत्कालीन युवा पीढ़ी ने उपर्युक्त मुद्दों पर छात्र-युवा आंदोलन का एक इतिहास रचा.
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आंदोलन को दबाने के लिए लगा आपातकाल
विधायक ने बताया कि जेपी आंदोलन को आंदोलन को दबाने के लिए देश में पहली बार आपातकाल लगा. आपातकाल में संसद के लिये चुनाव हुए. केंद्र की कांग्रेस सरकार सत्ताच्युत हुई. जेपी ने आंदोलन का लक्ष्य व्यवस्था परिवर्तन रखा था, सत्ता परिवर्तन नहीं. सत्ता परिवर्तन तो आंदोलन का एक पड़ाव भर था. परंतु सत्ता परिवर्तन के पहले पड़ाव पर ही व्यवस्था परिवर्तन के आंदोलन ने दम तोड़ दिया. आंदोलन की अगुआई करने वाली पीढ़ी ने राज्य में लंबे समय तक शासन किया. भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, कुशिक्षा से जुड़े मुद्दे आज भी पहले से भी अधिक प्रासंगिक है.
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नेताओं ने व्यवस्था की बजाय चरित्र बदला
वर्तमान दौर पर कटाक्ष करते हुए विधायक ने कहा कि आंदोलन के बाद सत्तारूढ़ हुए अधिकांश नेताओं की जमात ने व्यवस्था तो नहीं बदला, अपना चरित्र अवश्य बदल लिया. उपर्युक्त मुद्दे आज भी पूर्ववत प्रासंगिक हैं. भ्रष्टाचार, खासकर राजनीतिक भ्रष्टाचार, चरम पर है. समस्त जनजीवन और शासकीय व्यवस्था हर स्तर पर इससे बुरी तरह आक्रांत है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि समाज व्यवस्था के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्त कठिनाइयों की जड़ में आर्थिक-राजनीतिक भ्रष्टाचार का प्रभाव है. समाज व्यवस्था में हो रही गिरावट को रोकने के लिए आज भ्रष्टाचार के विरूद्ध आवाज देने की जरूरत है.
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