UN : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि यह युद्ध का वक्त नहीं है और उनकी यह बात एकदम सही बात थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के इस सत्र में दुनियाभर के नेताओं ने हिस्सा लिया. बता दें कि पीएम मोदी ने हाल ही में उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से इतर पुतिन से मुलाकात की थी और कहा था कि आज युद्ध का युग नहीं है.
New York, USA | Indian PM Modi was right when he said that time is not for war, not for revenge against the west or for opposing the west against east. It is time for our sovereign equal states to cope together with challenges we face: French President Emmanuel Macron at #UNGA pic.twitter.com/HJBZJELhEF
— ANI (@ANI) September 20, 2022
अमेरिका इस बयान का स्वागत करता है
अमेरिका ने भी पीएम मोदी के बयान की सराहना की है.एजेंसी के मुताबिक व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को संदेश दिया, वह पूरी तरह से सही है. अमेरिका इस बयान का स्वागत करता है. पीएम मोदी की टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह पूरी तरह से सही है.
France, US hail PM Modi’s advice to Putin over Ukraine
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— ANI Digital (@ani_digital) September 21, 2022
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मोदी कई बार पुतिन से फोन पर युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं
इसके अलावा, मोदी कई बार पुतिन से फोन पर युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं. इस दौरान वह लोकतंत्र, कूटनीति और बातचीत के महत्व के रेखांकित कर चुके हैं. मैक्रों ने अपने संबोधन में कहा, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा था कि यह युद्ध का युग नहीं है. यह पश्चिम से बदला लेने और उसे पूर्व के खिलाफ खड़ा करने का समय नहीं है. यह वक्त है कि हम सभी संप्रभु राष्ट्र हमारे समक्ष मौजूद चुनौतियों का एकजुट होकर मुकाबला करें.
पुतिन के समक्ष मोदी ने यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर चिंता जताई थी
उन्होंने कहा, इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नये समझौतों की सख्त जरूरत है. एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो. यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है. समरकंद में पुतिन ने मोदी से कहा था कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति और उन चितांओ के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, जिनके संबंध में मोदी अक्सर बात करते हैं. पुतिन ने कहा था, ‘‘हम इसे यथाशीघ्र रोकने की कोशिश करेंगे.