Dumka : मन्दिरों के गांव मलूटी के नवीनीकरण का कार्य चल रहा है. इसी क्रम में तीन नवंबर को पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के सचिव मनोज कुमार, संस्कृति व सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के निदेशक डॉ.संजय सिंह ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ मलूटी में मंदिरों के नवीनीकरण कार्य का निरीक्षण किया.
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सर्वप्रथम उन्होंने मुख्य मंदिर पहुंचकर स्थानीय लोगों से बातचीत की. कहा कि टेराकोटा कलाकृति इन मंदिरों को ख़ास बनाती है. इस कलाकृति को सहेजते हुए सभी मंदिरों के रेनोवेशन का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि टेराकोटा मलूटी की पहचान है. बहुत कम ही मंदिरों में टेराकोटा कलाकृति देखने मिलती है. सरकार मलूटी के इतिहास को संजो के रखने का कार्य कर रही है. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने संबंधित अधिकारी को सभी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से कहा कि अपने गांव की स्वच्छता बनाये रखें. इससे ना सिर्फ संथाल परगना बल्कि पूरे राज्य को एक नई पहचान मिलेगी. पूरे वर्ष और भी संख्या में पर्यटक यहां आयेंगे. मौके पर जिले के वरीय अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी शिकारीपाड़ा आदि उपस्थित थे.
मलूटी को मंदिरों का गांव कहा जाता है. यहां 300 साल पहले तक 108 मंदिर हुआ करते थे. और इतनी ही संख्या में तालाब भी थे. वर्तमान में यहां 72 मंदिर ही बचे हैं. सभी मंदिरों की अपनी विशेषता है.
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