Adityapur (Sanjeev Mehta) : इस वर्ष सितंबर के बाद बारिश नहीं होने से सीतारामपुर जलाशय का जलस्तर तेजी से घट रहा है. इस वजह से आदित्यपुर के साढ़े 11 हजार परिवार को जलापूर्ति में कटौती का सामना करना पड़ सकता है. 21 जनवरी को किये गए निरीक्षण में सीतारामपुर जलाशय का जलस्तर 22 फीट से घटकर 19 फीट पर आ गया है. घटते जलस्तर को देखते हुए पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता जेसन होरो ने बताया कि वर्तमान जलस्तर से सितंबर 2023 तक जलापूर्ति हो सकती है.
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बारिश नहीं हुई तो जुलाई से राशनिंग की तहत होगी जलापूर्ति
कार्यपालक अभियंता ने कहा कि अगर इस बीच बारिश नहीं हुई तो जुलाई से ही राशनिंग के तहत जलापूर्ति करनी पड़ेगी. पिछले 2 साल में पाइप लाइन जलापूर्ति के दायरे में करीब 4 हजार नए परिवार को नगर निगम ने जोड़ा है. ऐसे में वर्तमान जलापूर्ति हमें 5 एमजीडी करनी पड़ रही है. साथ ही प्रतिदिन ट्वीन टंकी से करीब 50 हजार गैलन जलापूर्ति टैंकर के माध्यम से भी करनी पड़ रही है. वर्ष 2017 में पीएचईडी महज करीब 8 हजार परिवार को ही पाइप लाइन जलापूर्ति करती थी, जो वर्तमान में बढ़कर 11 हजार परिवारों के करीब पहुंच गया है. इसके अलावा टैंकर से भी जलापूर्ति कुछ ज्यादा ही करनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि यदि मार्च अप्रैल में अच्छी बारिश नहीं हुई तो जून-जुलाई से राशनिंग के तहत (एक दिन के बाद क्षेत्रवार) जलापूर्ति करने की नौबत आ सकती है.
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बता दें कि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के 35 में से करीब 25 वार्ड पाइप लाइन जलापूर्ति क्षेत्र में आता है, जिसकी आबादी करीब 50 हजार परिवार की है. जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछी है, उसके दायरे में 15 हजार परिवार ही आते हैं. बाकी के 35 हजार परिवार भू जल पर या टैंकर की जलापूर्ति पर निर्भर हैं. आदित्यपुर में 2018 में करीब 500 करोड़ रुपये की वृहद जलापूर्ति योजना बनी है, जिसपर काम चल रहा है, लेकिन उनकी गति काफी धीमी है और विभिन्न विभागों की जो बाधा है उससे अगले 2 वर्षों में भी यह योजना पूरी होती नहीं दिख रही है. ऐसे में आदित्यपुर के करीब 60 हजार परिवार को अभी भी नई पाइप लाइन से जलापूर्ति के लिए इंतजार करना होगा.