New Delhi : महर्षि दयानंद सरस्वती की आज 200वीं जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. साथ ही पीएम मोदी ने विधि विधान से यज्ञ भी किया. पीएम मोदी ने महर्षि दयानंद सरस्वती को नमन किया. महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में साल भर चलने वाले समारोह का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि जिस पवित्र धरती पर महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने जन्म लिया. उस धरती पर मुझे भी जन्म लेने का सौभाग्य मिला. पीएम मोदी ने कहा कि उस मिट्टी से मिले संस्कार, उस मिट्टी से मिली प्रेरणा, मुझे भी महर्षि दयानंद सरस्वती के आदर्शों के प्रति आकर्षित करती रहती है. मैं स्वामी दयानंद जी के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. (पढ़ें, नेतृत्वविहीन हुआ झारखंड पुलिस, कौन होंगे नए डीजीपी सस्पेंस बरकरार)
जब महर्षि दयानंद का जन्म हुआ था तब देश सदियों की गुलामी से कमजोर पड़ कर अपनी आभा, अपना तेज, अपना आत्मविश्वास सब कुछ खोता चला जा रहा था। प्रति क्षण हमारे संस्कार, आदर्श को चूर-चूर करने का प्रयास होता था: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/XAMoSqcozo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2023
भारत के धर्म और परंपराओं में खामी नहीं
पीएम ने आगे कहा कि ‘जब किसी समाज में गुलामी की हीन भावना घर कर जाती है, तो आध्यात्म और आस्था की जगह आडंबर आना स्वाभिक हो जाता है. मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास हीन होता है और वह आडंबर के बल पर जीने की कोशिश करता है. ऐसी स्थिति में वेदों के बोध को महर्षि ने पुनर्जीवन दिया. उन्होंने समाज को दिशा दी. पीएम मोदी ने कहा कि महर्षि ने अपने तर्कों से सिद्ध किया कि खामी भारत के धर्म और परंपराओं में नहीं है. बल्कि हम उनके वास्तविक स्वरूप को भूल गये हैं और विकृतियों से भर गये हैं.
यह अवसर ऐतिहासिक है और भविष्य के इतिहास को निर्मित करने का है। यह पूरे विश्व के मानवता के भविष्य के लिए प्रेरणा का फल है। स्वामी दयानंद जी और उनका आदर्श था हम पूरे विश्व को श्रेष्ठ बनाए: दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली pic.twitter.com/Dxby9TokD4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2023
हमारे इतिहास और परंपराओं को भ्रष्ट करने का किया गया प्रयास
पीएम मोदी ने कहा कि आप कल्पना करिये एक ऐसे समय में जब हमारे ही वेदों के विदेशी भाषियों को विदेशी नरेटिव को गढ़ने की कोशिश की जा रही थी. उन नकली व्याख्याओं के आधार पर हमे नीचा दिखाने की, हमारे इतिहास और परंपराओं को भ्रष्ट करने के प्रयास किये गये. तब महर्षि दयानंद के ये प्रयास एक बहुत बड़ी संजीवनी के रूप में समाज में एक नई प्राण शक्ति बनकर आगे आये. महर्षि जी ने सामाजिक भेदभाव, उच-नीच, छुआछूत ऐसी ही कई विकृतियों के खिलाफ एक सशक्त अभियान चलाया.
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महिलाओं की तार्किक और प्रभावी आवाज बनकर उभरे महर्षि दयानंद
पीएम मोदी ने कहा कि जब समाज में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब थी. उनके खिलाफ भी महर्षि एक तार्किक और प्रभावी आवाज बनकर उभरे. उस वक्त स्वामी दयानंद ने महिलाओं के अधिकार की आवाज उठायी थी. उन्होंने महिला शिक्षा की बात की थी. महर्षि दयानंद ने महिलाओं के खिलाफ भेदभाव का खंडन किया. ये बातें आज से डेढ़ सौ साल पहले की हैं. आज भी कई ऐसा समाज हैं, जहां बेटियां शिक्षा से अभी भी दूर रखी जा रही हैं.
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