Vinit Upadhyay
Ranchi : शाह ब्रदर्स का नाम एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. दरअसल रघुवर सरकार के दौरान शाह ब्रदर्स का लौह अयस्क खनन करने का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद कंपनी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. साथ ही खनन विभाग को भी बार-बार आवेदन देकर चाईबासा जिले के करम्पदा स्टॉक यार्ड से खनन किया हुआ लौह अयस्क उठाने की अनुमति मांगी. कोर्ट की तरफ से 01/11/2020 को विभाग को मामले पर चार हफ्ते में किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने को कहा गया. विभाग की तरफ से 18 अक्टूबर को शाह ब्रदर्स को करम्पदा स्टॉक यार्ड से लौह अयस्क उठाने की अनुमति दे दी गयी. विभाग की तरफ से आदेश निकाला गया कि शाह ब्रदर्स पर जो भी बकाया है उस बकाये का भुगतान कंपनी करम्पदा स्टॉक यार्ड के लौह अयस्क को बेच कर पूरा करेगी. शाह ब्रदर्स पर विभाग को करीब 200 करोड़ रुपए का कर्ज है. सारा काम चाईबासा के डीएमओ की निगरानी में होना है.
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खनन विभाग के सचिव पर लग रहे गंभीर आरोप
लौह अयस्क उठाव की अनुमति दिए जाने के बाद अब विभाग के सचिव के श्रीनिवासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. पूर्व मंत्री सरयू राय की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि सचिव ने स्टॉक का बिना फिजिकल वेरीफिकेशन के ही लौह अयस्क उठाव की अनुमति दे दी है. जो गलत है. उन्होंने लगातार न्यूज नेटवर्क से बात करते हुए कहा कि शाह ब्रदर्स 5,70,000 मीट्रिक टन करम्पदा में लौह अयस्क स्टॉक होने की बात बात कर रहा है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर अब कंपनी विभाग की मदद से दूसरे जगहों से लौह अयस्क लाकर वहां डंप करेगी और उसे बाजार में बेचेगी. उन्होंने कहा कि विभाग का बिना फिजिकल वेरिफिकेश के लौह अयस्क के उठाव की अनुमति देना उसे संदेह के घेरे में खड़ा करता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे काम में विभाग की मिलीभगत इस बात से उजागर होती है कि जिन दूसरी कंपनियों को लौह अयस्क उठाव की अनुमति मिली है, उन सभी का फिजिकल वेरिफिकेशन करा लिया गया है. लेकिन शाह ब्रदर्स का नहीं. ऐसा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है.
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दो दिनों के अंदर होगा फिजिकल वेरिफिकेशन- डीएमओ
लगातार न्यूज नेटवर्क के संवाददाता को चाईबासा जिले के एएमओ (डीएमओ के प्रभार में) निशांत अभिषेक ने बताया कि उन्हें खनन विभाग के इंस्पेक्टर से रिपोर्ट मिली है कि करम्पदा में पर्याप्त स्टॉक है. लेकिन अगर स्टॉक खाली होने का आरोप लग रहा है तो निश्चित रूप में फिजिकल वेरिफिकेशन कराया जाएगा. इसमें दो दिनों का समय लग सकता है.
मामले पर विभागीए सचिव के श्रीनिवासन से बात करने की कोशिश की गयी. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
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