Jamshedpur ( Sunil Pandey) : बिहार में इन दिनों हो रहे जाति आधारित गणना में 18 गोत्रिय अग्रवालों के लिए कोड निर्धारित करने की मांग पूर्वी सिंहभूम जिला अग्रवाल सम्मेलन ने की. इस संबंध में जिला अध्यक्ष संदीप मुरारका समेत अन्य पदाधिकारियों ने एक पत्र बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को लिखा. पत्र में अग्रवाल, महेश्वरी, खंडेलवाल, ओसवाल, जैन, राजस्थानी सोनार, मारवाड़ी ब्राह्मण जाति के लिये कोड निर्धारित करने की मांग की गई. झारखंड प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश प्रवक्ता कमल किशोर अग्रवाल ने बताया कि बिहार में जाति आधारित गणना में अलग-अलग जातियों की पहचान के लिए 214 अंकों के जरिए अलग-अलग कोड तैयार किए गए हैं. जिनके आधार पर जनगणना होंगी और भविष्य में जातियों की पहचान की जाएगी. लेकिन 18 गोत्रिय अग्रवालों के लिए कोई कोड निर्धारित नहीं किया गया है.
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इन जातियों के निर्धारित किए गए है कोड
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में थर्ड जेंडर के लिए 22 एवं सन्यासी के लिये कोड संख्या 51 निर्धारित की गई है. ईसाई जाति का वर्गीकरण करते हुए अलग-अलग कोड तय किए गए हैं. जिसमें हरिजन ईसाई की कोड संख्या 9 और ओबीसी ईसाई की कोड संख्या 10 होगी. इसी तरह इदरीसी मुस्लिम कोड 7, ईटफरोश मुस्लिम 8, कसाब मुस्लिम 17, चीक मुस्लिम 62, चुड़ीहार मुस्लिम 64, जट मुस्लिम 69, ठकुराई मुस्लिम 74, डफाली मुस्लिम 75, धनिया मुस्लिम 94, धोबी मुस्लिम 96, नट मुस्लिम 98, नालबंद मुस्लिम 102, पठान 105, पमरिया मुस्लिम 106, बक्खो मुस्लिम 118, भठियारा मुस्लिम 135, भाट मुस्लिम 137,
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मडरिया मुस्लिम 145, मदारी मुस्लिम 147, मलिक मुस्लिम 150, मुकेरी मुस्लिम 156, मिरियासीन मुस्लिम 159, मेहतर, लालबेगीया, हलालखोर, भंगी मुस्लिम 160, मोमिन मुस्लिम 161, मोरशिकार मुस्लिम 162, राईन या कुंजरा मुस्लिम 167, रंगरेज मुस्लिम 173, साई,फकीर मुस्लिम 183, सुरजापुरी मुस्लिम 188, सैकलगर मुस्लिम 191 एवं सैयद का कोड 193 होगा. यानी मुस्लिम वर्गीकरण के लिये लगभग 31 कोड आवंटित किये गए हैं. वर्गीकरण के दौरान मेहतर और भंगी, मोची और चर्मकार, रविदास और रबिदास जैसे समान शब्दों को भी समावेश करने का ध्यान रखा गया है.
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कई जातियों को एक ही कॉलम में रखा गया
कमल किशोर अग्रवाल ने बताया कि बिहार सरकार ने जानबुझ कर या अनजाने में अग्रवाल, महेश्वरी, खंडेलवाल, ओसवाल, जैन, राजस्थानी सोनार, मारवाड़ी ब्राह्मण जाति की अनदेखी की है. जबकि बिहार में ‘अग्रवाल जाति’ की बड़ी जनसंख्या है. अतएव अठारह गोत्रिय अग्रवालों के लिये अलग कोड का निर्धारण सुनिश्चित किया ही जाना चाहिए.साथ ही कहा कि कोड संख्या 122 में बहुत सारी जातियों को एक कॉलम में ही ले लिया गया है, उनका भी अलग अलग स्पष्ट वर्गीकरण किया जाना चाहिये था. कभी भी बंगाली बनिया, यूपी बर्नवाल और अग्रहरी वैश्य को समान कोड प्रदान करना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है. भेजे गए पत्र में महासचिव अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, कोषाध्यक्ष पीयूष अग्रवाल, उपाध्यक्ष सन्नी संघी, अग्रवाल युवा मंच के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, महासचिव महेश संघी समेत अन्य का हस्ताक्षर है.
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