Sonia Jashmin
Ranchi: कोरोना महामारी ने शादियों से जुड़े कई कारोबार को प्रभावित किया है. विवाह से जुड़े सभी बिजनेस को लॉकडाउन की वजह से नुकसान हुआ है. हालांकि कारोबार में अब recovery होने लगी है. अभी शादियों का सीजन चल रहा है. इन सबके बीच रांची की महिलाओं का कुछ ग्रुप ब्राइडल गाउन तैयार करने में जुट गया है.
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ये लोग शादियों में महिलाओं द्वारा साज-सज्जा में प्रयोग किये जाने वाली चीजों को बनाने का प्रशिक्षण देकर अन्य महिलाओं को रोजगार भी देती हैं. उन्होंने बताया कि आदिवासी महिलाओं के द्वारा यह काम किया जा रहा है. गाउन के लिए वे सूरत, कोलकाता और मुंबई से रॉ-मेटेरियल मंगवाती हैं.
विदेशों में भी है इनकी डिमांड
लॉकडाउन के वजह से फिलहाल इन ब्राइडल गाउनस को बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्यप्रदेश भेजा जा रहा है. जबकि इन गाउनस की डिमांड नेपाल और अंडमान-निकोबार में भी थी. आजकल हर लड़की को मॉडर्न दिखने का शौक होता है. ऐसे में जब वे दुल्हन के रुप में तैयार होती हैं, तब भी उनकी यही ख्वाहिश होती है कि वे सुंदर और मॉडर्न दिखें. भारत की Christian शादियों में ज्यादातर साड़ी का प्रचलन रहा है, लेकिन अब गाउन का प्रचलन बढ़ रहा है.
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जानें रांची में कहां-कहां हो रहा है यह बिजनेस
सिरम टोली स्थित फेरी ब्यूटी शॉप की ऑनर संगीता एक्का ने बताया कि सफेद गाउन ट्रेंड में है. लेकिन ग्राहक कलरफुल गाउन को भी लेना पसंद करते हैं. उनके यहां अलग-अलग टाइप्स के गाउन एवेलेवल हैं. बॉल गाउन और मरमेड गाउन अभी ट्रेंड में है. ये गाउन 12 से 40 हजार तक मिल जाते हैं. वहीं चर्च रोड स्थित रश्मि ब्राइडल शॉप की ऑनर बताती हैं कि हमारे यहां गाउन के साथ-साथ साड़ी की भी बिक्री अच्छी होती है.
लॉकडाउन के वजह से हुआ है नुकसान
12 हजार से लेकर 40 हजार तक के गाउन उपलब्ध हैं. दुकानदारों ने बताया कि लॉकडाउन के पहले ग्राहकों की डिमांड पर ईरान और बैंकॉक से ब्राइडल गाउन का ऑर्डर मंगवाया जाता था. लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से बिजनेस का काफी नुकसान हुआ है. जहां पहले आठ महिलायें ब्राइडल गाउन और उनसे जुड़े चीजों को तैयार करती थी, वहीं उनकी संख्या घटकर अब 4 से 5 हो गयी है.
आर्डर की दरों में भी गिरावट नजर आ रही है. इनके पास ब्राइडल गाउन सहित ब्राइडल सैंडल भी उपलब्ध हैं.
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