Jamshedpur (Sunil Pandey) : आदिवासी सेंगेल अभिया ने झारखंड सरकार पर संताली भाषा की उपेक्षा का आरोप लगाया. इसके विरोध में सेंगेल 12 मई को ओडिशा के रायरंगपुर में एक दिवसीय धरना देगा. धरना में आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सालखन मुर्मू व केंद्रीय नेता सुमित्रा मुर्मू भी शामिल होंगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रीय संयोजक बिमो मुर्मू ने बताया कि संताली लिपि के अविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू की जयंती 5 मई को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनकी जन्मस्थली उड़ीसा के दंडबुस गांव गए थे. उस दौरान आदिवासी सेंगेल ने काला झंडा दिखाकर उनका सांकेतिक विरोध किया था. क्योंकि हेमंत सोरेन झारखंड में संताली भाषा को संताली लिपि के साथ प्रथम राजभाषा बनाने के खिलाफ हैं. सेंगेल का मानना है कि 5 मई को हेमंत सोरेन ने पंडित रघुनाथ मुर्मू के गांव जाकर उनका अपमान किया है.
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वादाखिलाफी कर रहे झारखंड के सीएम
बिमो मुर्मू ने बताया कि संताली एवं आदिवासियों के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादाखिलाफी की है. उनकी पार्टी जेएमएम मरांग बुरू, संताली भाषा और लिपि, सरना धर्म कोड, स्थानीयता एवं नियोजन नीति आदि मुद्दों पर बार-बार भोले-भाले आदिवासियों बरगला रही है. लेकिन सेंगेल आदिवासी गांव-समाज को सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक गुलामी से आजादी प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है. रायरंगपुर में आयोजित धरना में सेंगेल के सभी कार्यकर्ता काले झंडे लेकर विरोध दर्ज कराएंगे.
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