LagatarDesk : हर साल आज यानी 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. डेयरी उद्योग को पहचानने और दूध से मिलने वाले लाभों को बारे में लोगों को जागरूक करना इसका मुख्य उद्देश्य है. वर्ल्ड मिल्क डे की इस साल की थीम है कि कैसे डेयरी ने पौष्टिक आहार और आजीविका प्रदान करते हुए पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम किया है. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2001 में हुई थी. जब संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना की थी. अब दुनियाभर के कई देशों में वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. (पढ़ें, देखिए कैसे बाइक से उतरा व्यक्ति, फिर पैरों तले जमीन खिसक गई)
वैश्विक दूध उत्पादन में 23 फीसदी भारत का हिस्सा
पशुपालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1950-1960 के दशक में भारत में दूध की भारी कमी थी. दूध के लिए भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन अब भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है. वैश्विक दूध उत्पादन में भारत का हिस्सा 23 फीसदी है. इतना ही नहीं देश में रोजाना दूध की खपत भी बढ़ी है. पशुपालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1970 में हर दिन एक व्यक्ति पर 107 ग्राम दूध की खपत थी. जो 2022 में बढ़कर 444 ग्राम हो गयी है.
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2022 में भारत में 221.1 मिलियन टन होता है दूध का उत्पादन
पशुपालन और डेयरी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1951 में दूध का उत्पादन 17 मिलियन टन था. वहीं 1961 में 20 मिलियन टन, 1971 में 22 मिलियन टन, 1981 में 31.6 मिलियन टन, 1991 में 53.9 मिलियन टन, 2001 में 80.6 मिलियन टन, 2011 में 121.8 मिलियन टन, 2021 में 210 मिलियन टन और 2022 में 221.1 मिलियन टन दूध का उत्पादन भारत में होता है.
26 नवंबर को मनाया जाता है नेशनल मिल्क डे
बताते चलें कि दुनियाभर में 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. डॉक्टर वर्गीज कुरियन का जन्मदिन के अवसर भारत में 26 नवंबर को नेशनल मिल्क डे मनाया जाता है. डॉक्टर वर्गीज कुरियन को श्वेत क्रांति का जनक भी कहा जाता है. उन्हें ‘मिल्क मैन’ के नाम से भी जाना जाता है.
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दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था श्वेत क्रांति
कुरियन ने साल 1970 में श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी. इसका मकसद भारत में दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना था. साल 1965 से लेकर 1998 तक डॉक्टर वर्गीज कुरियन नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष रहे. इस दौरान उन्होंने देश के हर कोने तक दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश की. डॉक्टर वर्गीज कुरियन की मेहनत के कारण ही आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक बन गया है.
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