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Jammu : सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जुड़ी याचिकाओं पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगी. इस मामले में आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि संवैधानिक प्रावधान (अनुच्छेद 370) अतीत की बात है और इसे वापस नहीं लिया जा सकता. फैसल ने ट्विटर पर लिखा, मेरी तरह अधिकतर कश्मीरियों के लिए अनुच्छेद 370 अतीत की बात है. हिंद महासागर में झेलम और गंगा हमेशा के लिए विलीन हो गयी हैं. इसे वापस नहीं लिया जा सकता. अब सिर्फ आगे बढ़ा जा सकता है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
370, for many Kashmiris like me, is a thing of the past.
Jhelum and Ganga have merged in the great Indian Ocean for good.
There is no going back. There is only marching forward. pic.twitter.com/3cgXRWSxW0
— Shah Faesal (@shahfaesal) July 4, 2023
Indian Administrative Service (IAS) officer Shah Faesal, who had filed a petition in the Supreme Court challenging the Presidential Order to scrap Article 370, speaks to ANI, says, he has withdrawn the petition a long time back.
(File pic) pic.twitter.com/zLAbw73fIZ
— ANI (@ANI) July 4, 2023
फैसल ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती दी थी
जान लें कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वर्ष 2010 बैच के अधिकारी फैसल को अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने और जम्मू कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के एक वर्ष से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था. उन्होंने सेवा से इस्तीफा देकर एक राजनैतिक दल जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की शुरुआत की थी. हालांकि,सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया.
फैसल को बाद में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में तैनात कर दिया गया. फैसल ने वर्ष 2019 में केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. हालांकि सरकार ने अप्रैल 2022 में फैसल के इस्तीफा वापस लेने के निवेदन को स्वीकार कर लिया और उनकी सेवा बहाल कर दी.
संविधान पीठ 11 जुलाई को इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी
खबर है कि इसी माह फैसल ने न्यायालय के सामने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाले सात याचिकाकर्ताओं की सूची में से नाम हटाने के लिए आवेदन दिया था. सरकार द्वारा तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लगभग चार साल बाद देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ 11 जुलाई को इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर सोमवार को प्रकाशित एक नोटिस के अनुसार, पीठ निर्देश पारित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
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