Bengluru : भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के हर घर ध्यान कार्यक्रम के तहत भागीदार के रूप में सभी उम्र के लोगों को ध्यान और आत्मजागरूकता के अभ्यास द्वारा सशक्त बनाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग ने 24 से 31 जुलाई के बीच ‘इंडिया मेडिटेट्स’ अभियान शुरू किया है. यह अभियान स्वतंत्रता दिवस को पूरा होगा, जो समग्र आरोग्य की दिशा में हुई देश की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.
दिन में आठ बार निःशुल्क ऑनलाइन ध्यान सत्र
इंडिया मेडिटेट्स श्रृंखला में पूरे दिन में आठ बार निःशुल्क ऑनलाइन ध्यान सत्र आयोजित किए जाएंगे. सुबह 6:00 बजे, सुबह 7:00 बजे, सुबह 8:00 बजे, दोपहर 2:00 बजे, दोपहर 3:00 बजे, शाम 6:00 बजे, शाम 7:00 बजे और रात 8:00 बजे. ये लाइव ऑनलाइन सत्र आर्ट ऑफ लिविंग के विशेषज्ञ जानकारों द्वारा आयोजित किए जाएंगे. इंडिया मेडिटेट्स अभियान में भाग लेने के लिए वेबसाइट indiamededitates.org पर पंजीकरण के बाद प्रतिभागियों को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा जाएगा और सत्र के लिए लाइव लिंक प्राप्त होंगे. उन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा मान्यता प्राप्त ई-प्रमाणपत्र भी प्राप्त होगा.
ध्यान दृष्टिकोण को बदलने में मदद करता है- श्री श्री रविशंकर
आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव के अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने भारत के नागरिकों को ध्यान की परिवर्तनकारी कला में शिक्षित और सशक्त बनाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग के साथ साझेदारी की है. यह परियोजना 26 अक्टूबर 2022 को बैंगलुरु में आर्ट ऑफ लिविंग के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की उपस्थिति में 20 हजार लोगों के बीच आरंभ की गई थी. श्री श्री रविशंकर कहते हैं, ध्यान आपके दृष्टिकोण को बदलने में मदद करता है. यह वस्तुओं को समझने के आपके रवैये में सुधार लाता है. यह आपके आस-पास के लोगों के साथ आपकी बातचीत को बेहतर बनाता है. आप क्या कहते हैं, आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं और विभिन्न स्थितियों में कैसे कार्य करते हैं; इन सबके बारे में आप अधिक जागरूक हो जाते हैं.
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