Ghatshila (Rajesh Chowbey) : घाटशिला कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती बुधवार को कॉलेज परिसर में मनाई गई. समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने की. सर्वप्रथम मुंशी प्रेमचंद की तस्वीर पर पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय और प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. मौके पर हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दिलचंद राम ने कार्यक्रम का संचालन और विषय प्रवेश किया.
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सामाजिक सरोकार के साहित्यकार थे मुंशी प्रेमचंद्र – डॉ. नरेश
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सर्वप्रथम डॉ. नरेश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुंशी प्रेमचंद के विभिन्न साहित्यिक आयामों की चर्चा करते हुए उन्हें सामाजिक सरोकारों का साहित्यकार बताया. कहा कि प्रगतिशील लेखक संघ की पहली बैठक की अध्यक्षता सज्जाद जाहिर के साथ मुंशी प्रेमचंद ने भी किया था. डॉ. संदीप चंद्रा और डॉ. कनाई बारिक ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. प्राचार्य डॉ. आरके चौधरी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा की मुंशी प्रेमचंद जैसे साहित्यकारों को सभी विद्यार्थियों को पढ़ना जरूरी है. साहित्य के अध्ययन के बिना मनुष्य संवेदनशील नहीं बन सकता. मुख्य वक्ता पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय ने कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद को एक महान साहित्यकार बताया.
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समाज की विभिन्न समस्याओं को अपनी लेखनी से उठाया
उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की लेखनी ने साहित्य में एक नए दौर की शुरुआत की है. समाज की विभिन्न समस्याओं से संबंधित मुद्दे अपने लेखनी के माध्यम से उठाए. आज भी उनकी लेखनी की प्रासंगिकता कम नहीं हुई है. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पीके गुप्ता ने किया. समारोह में मुख्य रूप से एजेके कॉलेज चाकुलिया के प्राचार्य बंटी उपाध्याय, कॉलेज के नामांकन प्रभारी डॉक्टर एसके सिंह, प्रो. इंदल पासवान, डॉ. कुमार विशाल, प्रो. विकास मुंडा, डॉ. कंचन सिन्हा, डॉ. सींगों सोरेन, डॉ. रुचि स्मिता, मानिक मार्डी, चिरंतन महतो, शंकर महाली सहित काफी संख्या में शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित थे.