बाघमारा-कतरास की ईंटों की कोयलांचल में अधिक मांग
मिट्टी काट कर जमीन कर रहे बर्बाद, पेड़-पौधों को भी नुकसान
Ram Pandey
Katras : घमारा और कतरास में भी अवैध ईंट भट्ठों का संचालन बेखौफ हो रहा है. यहां दर्जनों अवैध ईंट भट्ठे चल रहे हैं. बाघमारा की मिट्टी बेहतर होने के कारण यहां की ईंटों की कोयलांचल में काफी डिमांड है. इस कारण यहां भट्ठों का संचालन अन्य क्षेत्रों से कहीं अधिक है. इन ईंट भट्ठों में महकमा की लापरवाही और रिश्वतखोरी का ईंधन डालकर यहां खूब ईंटें पकाई जा रही हैं. सिर्फ कतरास, बाघमारा ही नहीं, बल्कि पूरे धनबाद जिले में यहां के भट्ठों में पकी ईंटें बिकने के लिए पहुंच रही हैं. रामकनाली के लालचक, फाटामाहुल, खपचाटांड, दास टोला सहित अन्य स्थानों पर वर्षों से बड़ी संख्या में अवैध चिमनी व बंगला ईंट भट्ठों का संचालन किया जा रहा है. ईंट भट्ठे में चोरी का कोयला खपाया जा रहा है. नियम के खिलाफ जमीन की मिट्टी की खुदाई के साथ-साथ जंगल की भी कटाई की जा रही है. लेकिन शासन-प्रशासन ने इस पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई पहल नहीं की है.
बीसीसीएल से चोरी के कोयले का हो रहा उपयोग
अधिकांश ईंट भट्ठाें में बीसीसीएल के चोरी के कोयले का उपयोग किया जाता है. जानकारी के अनुसार कच्चे ईंटों को पकाने के लिए कई टन कोयले की आवश्यकता होती है. ऐसे में ईंट भट्टों के संचालक रामकानाली, मोदीडीह, बुट्टू बाबू बंगला इलाके से बीसीसीएल के कोयले को साइकिल और बाइक से चोरी कर मंगवाते हैं. अवैध रूप से संचालित ईंटा भट्ठाें के कारण लालचक, फाटामाहुल, खपचाटांड के जंगल को काफी नुकसान पहुचा रहा है.
बेखौफ काटे जा रहे पेड़, वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ा
अवैध ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा मिट्टी की आवश्यकता पूरी करने के लिए बड़े-छोटे पेड़ों को बेखौफ काटा जा रहा है. इसके कारण वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ गया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण बुजुर्ग और बच्चे कई तरह की बीमारियां के भी शिकार हो रहे हैं. क्षेत्र में संचालित अवैध ईंटा भट्ठा संचालक प्रकृति का दोहन कर रहे हैं. इसके बावजूद इनके खिलाफ खनिज विभाग या स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना, महकमे पर सवाल खड़ा करता है.
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