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Pravin Kumar
Ranchi : भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के लिए आसन्न लोकसभा चुनाव उनके राजनीतिक जीवन-मरण से जुड़ गया है. वे झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. भाजपा द्वारा अर्जुन मुंडा को दूसरी बार खूंटी से उम्मीदवार बनाये जाने से यह सीट झारखंड की सबसे हॉट सीट बन गयी है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा को कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण से कड़ी टक्कर मिली थी और महज 1,445 वोटों के अंतर से मुंडा चुनाव जीते थे. एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से उनका मुकाबला है. वर्तमान में कृषि और जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड में तीन बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. खूंटी में अर्जुन मुंडा की राजनीतिक प्रतिष्ठा एक बार फिर से दांव पर होगी.
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कई मायने में अलग हो सकता है 2024 का चुनाव
तमाड़ जैसे इलाके में कुड़मी/कुर्मी को आदिवासी में शामिल नहीं किये जाने को लेकर अर्जन मुंडा को कुर्मी वोटरों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है. दूसरी ओर खूंटी इलाके के मतदाता मुंडा के कामकाज का भी आंकलन करेंगे. वहीं लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने कांग्रेस कार्यकताओं में ऊर्जा भरने का काम किया था. राहुल गांधी ने स्थानीय जनसंगठनों के प्रतिनिधियों से भी मिले थे. उन्होंने पत्थलगड़ी, लैंड बैंक जैसे मामले में राज्य सरकार को पत्र लिखकर इन्हें हल करने की बात कही थी. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को लेकर लोस क्षेत्र के चार विधानसभा खूंटी, तोरपा, कोलेबिरा, सिमडेगा विधानसभा में पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता सक्रियता से काम कर रहे हैं.
तमाड़ और खरसांवा ने अर्जुन को दिलायी थी जीत
2019 को लोकसभा चुनाव में खूंटी लोकसभा क्षेत्र के चार विधानसभा तोरपा, खूंटी, सिमडेगा और कोलेबिरा में पिछड़ने के बाद खरसावां और तमाड़ ने उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. तमाड़ विधानसभा में जहां अर्जुन मुंडा 42 हजार से अधिक मतों के अंतर से बढ़त बनायी, वहीं खरसावां में भी उन्होंने करीब 34 हजार मतों से बढ़त ली. यही कारण है कि चार विधानसभा सीटों में भी पिछड़ने के बावजूद अर्जुन मुंडा अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को पराजित करने में सफल रहे.
कालीचरण को चार विधानसभा क्षेत्रों में मिली थी बढ़त
कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को तोरपा विधानसभा में करीब 23 हजार, खूंटी में 22 हजार, सिमडेगा में पांच हजार और कोलेबिरा में 25 हजार मतों से बढ़त मिली थी. इस तरह से इन चार विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 75 हजार वोट से कालीचरण मुंडा आगे थे. लेकिन अर्जुन मुंडा ने खरसावां और तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में जो 76,500 मतों की बढ़त बनायी, यही बढ़त डेढ़ हजार वोटों से उनकी जीत में निर्णायक साबित हुई थी.
दयामनी के कांग्रेस में शामिल होने से काली को मिलेगा लाभ
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस में दयामनी बरला के शामिल होने के बाद तोरपा, खूंटी, कोलेबिरा से कांग्रेस के वोटों में बढ़ोतरी होगी. वहीं झारखंड पार्टी (एनोस) के उम्मीदवार ईसाई मतों का कितना विभाजन करा पाते हैं, इस पर भी अर्जुन मुंडा की हार-जीत टिकी हुई है. राजनीतिक पंडित यह भी कहते हैं कि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो द्वारा दयामनी बरला को टिकट नहीं देने के कारण राज्य के दो आदिवासी आरक्षित सीटों पर गठबंधन की हार हुई थी.
कालीचरण को मिल रहा नीलकंठ समर्थकों का साथ
जानकार बताते हैं कि खूंटी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा के समर्थकों का साथ मिल रहा है. ये वे समर्थक हैं, जो नीलकंठ के काफी करीबी बताये जाते हैं, मगर ये लोग भाजपा के कार्यकर्ता नहीं हैं. इनका समर्थन मिलना कालीचरण के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है.
2019 में विधानसभावार किसे कितने वोट मिले थे
विधानसभा | अर्जुन मुंडा | कालीचरण मुंडा |
तमाड़ | 86352 | 44871
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खरसावां | 88825 | 55971
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खूंटी | 51410 | 72812
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तोरपा | 43964 | 65122 |
कोलेबिरा | 44866 | 69798
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सिमडेगा | 66122 | 71894
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पोस्टल वोट | 1072 | 725
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