Chakradharpur (Shambhu Kumar) : एक ओर राज्य सरकार झारखंड की ओर से विकास के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर कार्यालयों में अधिकारियों की नियुक्ति नहीं होने से कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिला के चक्रधरपुर प्रखंड में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) का कामकाज पिछले तीन साल से प्रभार में चल रहा है. चक्रधरपुर प्रखंड को बीते तीन साल में स्थायी प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नहीं मिल पाया है. वर्ष 2021 के सितंबर महीने में तत्कालीन बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मुनीश्वरी बाड़ा का स्थानांतरण होने के बाद चक्रधरपुर के बाल विकास परियोजना केन्द्र की पर्यवेक्षिका पुष्पा कुमारी तिर्की को प्रभारी बाल विकास विकास परियोजना पदाधिकारी बनाया गया था. पुष्पा तिर्की 6 सितंबर 2021 से लेकर 31 अगस्त 2022 तक प्रभार में थी.
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सिंतबर 2023 में अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो का हुआ था स्थानांतरण
इसके बाद अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ने 1 सितंबर 2022 को प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के पदभार ग्रहण किया था. बाल किशोर महतो के प्रभार में रहने के दौरान ही दुमका जिला के किसी प्रखंड में पदस्थापित रीता बेसरा का स्थानांतरण चक्रधरपुर प्रखंड में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के रुप में हुआ था, लेकिन पति की तबीयत खराब रहने व अन्य कारणों से रीता बेसरा ने चक्रधरपुर में योगदान नहीं दिया. इसके बाद अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो ही प्रभार में रहे. वहीं वर्ष 2023 के सितंबर में अंचलाधिकारी बाल किशोर महतो का स्थानांतरण होने के बाद गिरजानंद किस्कू चक्रधरपुर के अंचलाधिकारी बने. तब से गिरजानंद किस्कू सीपीडीओ के प्रभार में हैं.
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बीडीओ का प्रभार भी संभाल रहे गिरजानंद किस्कू
चक्रधरपुर में पिछले चार महीने से अंचलाधिकारी गिरजानंद किस्कू प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ-साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी का भी प्रभार संभाल रहे हैं. चार महीने से स्थायी प्रखंड विकास पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण गिरजानंद किस्कू को अंचल के कामकाज के साथ-साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी व बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के अधीन आने वाले सारे कामकाज को संभालना पड़ रहा है.
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चक्रधरपुर में है कुल 298 आंगनबाड़ी केन्द्र
चक्रधरपुर के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में कुल 298 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है. यहां बाल विकास परियोजना केन्द्र के तत्वावधान में केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से चलने वाली कई योजनाओं के साथ-साथ अन्य कार्य संचालित होते हैं. इसमें मुख्य रुप से प्रभारी मंत्री मातृ वंदन योजना, सावित्रीबाई फूले योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, दिव्यांगजनों को चिन्हित कर उपकरण देने, बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध कराने, 3 से छह साल तक के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा प्रदान करने, कुपोषित बच्चों का चयन व उसमें सुधार लाने समेत अन्य कामकाज किये जाते हैं. स्थायी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के नहीं रहने के कारण इन कामों पर असर पड़ रहा है.
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कामकाज में हो रही कठिनाई : गिरजानंद किस्कू
चक्रधरपुर के अंचलाधिकारी सह प्रभारी बीडीओ सह प्रभारी सीडीपीओ गिरजानंद किस्कू ने कहा कि सारे काम को पूर्ण किया जा रहा है. हालांकि कई प्रभार में रहने के कारण कामकाम में थोड़ी बहुत कठिनाइयां आ रही हैं, लेकिन उसे पूरा किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसी महीने 22 या 23 जून तक प्रखंड विकास पदाधिकारी भी योगदान दे देंगे.