Ranchi: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर शाकद्वीपीय ब्राह्मण महासंघ ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. महासंघ ने इसे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन, बल्कि सनातन धर्म और संस्कृति पर संगठित हमला करार दिया. महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया जा रहा है. मंदिरों को तोड़ा जा रहा है. घरों को जलाया जा रहा है और बहन-बेटियों की अस्मिता को निशाना बनाया जा रहा है. यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और इसका ठोस समाधान आवश्यक है. हिंदू समाज की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करना हमारा नैतिक दायित्व है.
महासंघ पूरी प्रतिबद्धता के साथ हिंदुओं की रक्षा के लिए खड़ा है
उन्होंने आगे कहा कि महासंघ पूरी प्रतिबद्धता के साथ हिंदुओं की रक्षा के लिए खड़ा है और इस मुद्दे पर भारत सरकार को तुरंत कूटनीतिक हस्तक्षेप करना चाहिए. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के बातों का समर्थन किया. महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्ण ने कहा कि भारत सरकार को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह मामला उठाना चाहिए और बांग्लादेशी हिंदुओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो, तो भारत को इज़राइल की तरह मजबूत नीति अपनाकर हिंदुओं को सुरक्षित भारत लाने की व्यवस्था करनी चाहिए.
यह सनातन धर्म व संस्कृति के अस्तित्व के लिए चुनौतीः आचार्य
आचार्य कृष्ण ने कहा कि यह केवल बांग्लादेश तक सीमित समस्या नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म और संस्कृति के अस्तित्व के लिए चुनौती है. महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य कृष्ण, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, स्वामी दिव्यज्ञान, चतुर्भुज शर्मा, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष मनोज मिश्र, बिहार प्रदेश अध्यक्ष सतीश पांडेय,अशोक मिश्र,सीताराम पाठक ने भी अध्यक्ष के बयान का समर्थन किया. कहा कि यह समय एकजुट होकर सनातन धर्म की रक्षा का है. महासंघ ने भारत सरकार से इस विषय पर ठोस कार्रवाई करने और हिंदू समाज से संगठित होकर इस संकट का सामना करने की अपील की है.
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