Dumka: पुलिस ने मयूराक्षी नदी में मिली सर कटी लाश की गुत्थी सुलझा ली है. एसपी अम्बर लकड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी है. मृतक की पहचान श्याम मण्डल 27 वर्ष के रूप में की गई है. हत्या प्रेमप्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है. पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमे मृतक की प्रेमिका और उसकी मां भी शामिल है. पुलिस हत्यारों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस की टीम उन्हें लेकर भुरभुरी पुल के नीचे पहुंची और घटनास्थल का सत्यापन करने के अलावा सभी का अलग-अलग बयान भी दर्ज किया.
![वारदात में इस्तेमाल किए गये हथियार बरामद](http://lagatar.xprthost.in/wp-content/uploads/2021/07/21.jpg)
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हत्या की वारदात का घटनाक्रम
मीना ने बताया कि वह और श्याम मंडल भुरभुरी पुल के नीचे बातें कर रहे थे. उसका पति वहीं पर छिपा हुआ था. अचानक उसका पति कूद कर वहां पहुंचा और गमछे के सहारे श्याम मंडल को धर दबोचा. इस बीच पीछे से उसके पिता, पति का दोस्त और उसकी मां भी मौके पर पहुंच गये. पति ने श्याम मंडल को पटक दिया और उसके दोस्त व पिता ने उसका पैर और हाथ पकड़ लिया. श्याम मंडल को समझ में आ गया कि सभी मिलकर उसकी हत्या करनेवाले हैं, तो वह गिड़गिड़ाने लगा और जीवन की भीख मांगने लगा. उसने कहा कि गलती हो गयी और दोबारा ऐसा नहीं होगा. इस दौरान मोबाइल से उसकी वीडियो बनायी गयी. जिसमें वह गिड़गिड़ता रहा. उसके पति ने गला दबाकर श्याम मंडल की हत्या कर दी. श्याम के पास एक बैग भी था जिसे उनलोगों ने फेंक दिया.
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हत्यारोपी चार लोग गिरफ्तार
पुलिस हत्यारों को लेकर मौक-ए-वारदात पर गयी और हत्या के सीन को रिक्रियेट किया. मीना देवी और उसके पिता ने पुलिस को बताया कि श्याम मंडल की हत्या भुरभुरी पुल के नीचे ही गला दबा कर कर दी गयी थी. उन्होंने पुलिस को वह स्थान भी दिखाया. इसके बाद मीना का पति, पति का दोस्त और उसके पिता तीनों ने मिलकर श्याम का शव उठाया और उसे लेकर मयुराक्षी नदी के किनारे पहुंचे. मीना के पति किटु मंडल और दोस्त मृत्युंजय मंडल ने यहां दबिया के वार से श्याम का सिर धड़ से अलग कर दिया. पहले सिर को नदी के पानी में दूर फेंक दिया और उसके बाद धड़ को उठा कर नदी धार में डाल दिया. इसके बाद पति किटु मंडल और दोस्त मृत्युंजय मंडल ने अपने सारे कपड़े खोल कर नदी में खून को धोया और कपड़े मीना के पिता को दे दिये. मीना का पिता दोनों के कपड़े, अपनी पत्नी और बेटी को लेकर घर लौट गया. किटु मंडल और मृत्युंजय ने गमछा पहन लिया और उसी हालत में बाद में मौक-ए-वारदात से अपने घर चले गये.
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