- मरीजों की शिकायत थी कि झुलसने के बाद पूरे शरीर में जलन हो रही
Ranchi : दुमका के हंसडीहा थाना क्षेत्र के बढ़ैत गांव में पिछले दिनों गैस टैंकर विस्फोट में कई ग्रामीण घायल हुए थे. घायलों का इलाज दुमका दुमका स्थित फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश और पहल पर रांची के रिम्स से तीन चिकित्सकों की टीम रविवार को दुमका पहुंची. चिकित्सकों ने मरीजों के इलाज का जायजा लिया. मरीजों की जांच कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिये. टीम ने वहां भर्ती मरीजों के चल रहे इलाज को संतोषप्रद बताया.
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मरीजों की जांच की, चार को किया रांची रेफर
रविवार को दुमका पहुंचे चिकित्सकों ने अपने स्तर से बारी-बारी से मरीजों की जांच की. टीम में सर्जन डॉ गौरव, क्रिटिकल केयर के डॉ वरुण और प्लास्टिक सर्जन डॉ विक्रांत रंजन मौजूद थे. मरीजों की जांच के बाद रिम्स के तीनों चिकित्सक ने अब तक चले इलाज को संतोषप्रद बताया. उन्होंने कहा कि इन्हें जो भी दवा दी गई , जिस तरह से यहां इलाज किया गया, वह सटीक है. सभी मरीजों की स्थिति खतरे से बाहर है. हालांकि 20 मरीजों में 4 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें रांची के लिए रेफर कर रहे हैं ताकि उन्हें और बेहतर इलाज मिल सके.
सीएम की पहल पर गयी थी डॉक्टरों की टीम
बता दें कि गैस टैंकर विस्फोट में आग से झुलसे सभी लोगों को पहले सरैयाहाट के सीएचसी और अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया. वहां से तीन घायलों को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया था. अचानक शनिवार की रात हादसे में जले 17 मरीज, जो स्थानीय अस्पताल में इलाज कर अपने घर भी लौट गए थे, वे मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. उनका कहना था कि घाव वाले स्थान में काफी जलन हो रही है. मुख्यमंत्री को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने त्वरित संज्ञान लेते हुए ट्वीट किया कि रविवार को रांची रिम्स से चिकित्सकों की टीम दुमका जाएगी और अग्निकांड के पीड़ित मरीजों के इलाज का जायजा लेगी.
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